झोलाछाप डाक्टरो पर स्वास्थ्य विभाग मेहरबान कैसे लगेगी लगाम
*गोरखपुर*/उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने एक फरमान जारी किया उन्होंने सभी बूचड़खाने बंद करने का आदेश दिया था ।उत्तर प्रदेश में बकरा काटने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है लेकिन मरीजों का छेड़छाड़ करने के लिए किसी भी लाइसेंस व डिग्री की आवश्यकता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के गृह जनपद गोरखपुर चौरी चौरा क्षेत्र में नहीं दिख रहा है ।
दिखावे के लिए स्वास्थ्य महकमा बीच-बीच में सभी क्षेत्रों में छापेमारी तो करता ही है लेकिन छापेमारी के दौरान कार्यवाही क्या होती है यह कभी पता नहीं चल पाता
कभी कभी कार्यवाही के नाम पर सेंटरों को सील भी किया गया लेकिन वह सील कब तक रहता है यह कोई बता नहीं सकता क्योंकि जिस सेंटर को सील किया जाता है वह सेंटर फिर चालू हो जाता है इस पर स्वास्थ्य महकमा क्या जवाब दे सकता है यह तो सोचने वाला विषय है
जब स्वास्थ्य विभाग से संबंधित खबरें प्रकाशित होती हैं तो स्वास्थ्य महकमा काफी सक्रिय होता है और क्षेत्र में छापेमारी की जाती है हालांकि अधिकांश संचालक फरार हो जाते हैं सवाल यह भी है कि उनको पता कैसे चलता है कि आज हमारी होने वाली है इतना ही नहीं चौरी चौरा क्षेत्र के किसी भी अवैध हॉस्पिटल, एक्स रे सेंटर ,पैथोलॉजी इत्यादी की खबर एक बार या दो बार प्रकाशित होने के बाद तक कोई कार्यवाही नहीं होती है
जब बार-बार खबरें प्रकाशित होती है तब जाकर स्वास्थ्य महकमा अपनी गहरी निद्रा से उठता है और जाकर वहां पर कार्यवाही के नाम पर खाना पूर्ति करता है
इन दिनो चौरी चौरा तहसील क्षेत्र केभोपाबाजार,डुमरी ,सरदारनगर ,सोनबरसा,नईबाजार ,झंगहा,मोतीराम,तरकुलहा, बदुरहिया रामपुरा दुबौली सहित तमाम छोटे-बड़े चौराहों पर अवैध झोलाछाप ठग डॉक्टरों का गिरोह सक्रिय है लेकिन स्वास्थ्य विभाग इन पर कब तक मेहरबान रहेगा या फिर गरीब मरीजों का कब तक ऐसे ठगो द्वारा शोषण होता रहेगा यह तो बहुत बड़ा सवाल है।
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