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    पशु संरक्षण गृह गाजेगड़हा बना दुर्बयवस्था का शिकार




    एस डी एम गोला ने किया औचक निरीक्षण कर

    जाना बदहाली का हाल

    पशुओ के लिए चारा व उनके स्वास्थ्य के लिए दिया प्रबन्धक को हिदायत

    निरीक्षण के दौरान दिखे खिन्न


    गोलाबाजार गोरखपुर 16जनवरी।


      गोला तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा गाजेगड़हा में शासन द्वारा स्थापित  पशु संरक्षण गृह की स्थिति अति दयनीय की खबर समचार पत्रो में प्रमुखता के आधार पर छपने के बाद एस डी एम गोला विनय कुमार पांडेय ने रविवार को अपरान्ह गाजे गड़हा पशु संरक्षण गृह पर पहुच गए ।सूचना पाकर स्थानीय पत्रकार भी पहुचे ।अंदर पहुच कर एस डी एम गोला ने  पशुओ को दिए जाने वाले चारे रहने व  उनके खाने की ब्यवस्था के साथ साथ संरक्षण गृह में पड़े पशुओ के स्वास्थ्य सम्बंधित जानकरी घूम घूम कर लिया।और अंत मे यह माना कि चारे की ब्यवस्था व उनके रहने व खाने  की ब्यवस्था ठीक नही है ।पशु शाला में अधिकांश पशु बीमार हालत में पड़े हुए थे ।पशुओ को रोकने के लिए लगी जाली जगह जगह टूटी पड़ी थी ।जिससे पशु बाहर जाकर किसानों के खेतों को नुकसान पहुचा रहे है ।साथ ही बाहर के आवारा कुत्ते अंदर आकर पशुओ को क्षति ग्रस्त करने की शिकायत को भी देखा। 


    इस पशु संरक्षण गृह  की ब्यवस्था से बेहद खिन्न दिखे।अगल बगल के किसानों ने भी अपनी पीड़ा सुनाई।खेतो के नुकसान के साथ मरे हुए पशुओ के दुर्गंध से भारी बीमारी फैलने की आशंका को बताया। एस डी एम गोला ने प्रबन्धक को हिदायत दिया कि जाली ठीक कराए ।साथ ही मरे पशुओ को मानक के हिसाब से गढ्ढा खोद कर दफनावे।जिससे किसी भी प्रकार का दुर्गंध न फैले ।संरक्षण गृह पर लगभग पैतालीस मिनट  निरीक्षण करने के बाद सख्त हिदायत देते हुए वापस चले गए।

    बताते चले कि गोला तहसील से महज तीन किमी उत्तर ग्राम सभा गजेगढहा में शासन द्वारा बृहद गौ संरक्षण गृह स्थित है जहां प्रति दिन ब्यवस्थापक द्वारा ब्यवस्था लचर होने के कारण  प्रतिदिन दर्जनों पशुओ को मृत्यु हो रही है। कुछ तो अधमरे पशुओ को दफना दिया जा रहा है।कुछ पशु अगल बगल घूमनेवाले कुत्तों का आहार बन जा रहे है। पशुओ का कंकाल बॉउंड्री के बाहर बिखरे मिल रहे है ।इस पशु संरक्षण गृह की अब्यवस्था से  क्षेत्र के लोगो मे भारी असंतोष ब्याप्त है।।जिसकी खबर स्थानीय समाचार पत्रों में प्रमुखता से छपी ।

    गौर तलब बात यह है कि ग्रामीणों की शिकायत पर पत्रकारों ने जब इस संरक्षण गृह का हाल जानने की कोशिश किया तो वहां के कर्मचारी व ब्यवस्थापक गेट न खोलने की बात कही ।और कहा कि यह एक निजी संस्था है ।एन जी ओ से संचालित होता है । बिना अनुमति का अंदर कोई मीडिया कर्मी नही आ सकता है । पत्रकारों ने यहां की दुर्बयवस्था को  स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन की सज्ञान में दिया।

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