संतकबीरनगर में भाजपा का “वैभव” देखकर गदगद हुए अमित शाह
*संतकबीरनगर में भाजपा का “वैभव” देखकर गदगद हुए अमित शाह*
*-भीड़ न जुटने की सारी आशंकाएं साबित हुयीं गलत*
*-पार्टी के नए सिपहसालारों ने दिखाया पूरा दम खम*
*संतकबीरनगर।*
भाजपा की जन विश्वास यात्रा में आए भारत के गृहमन्त्री अमित शाह को भाजपा का पूरा वैभव देखने को मिला। स्थिति यह रही की चारो तरफ लोगां की भीड़ के साथ ही भाजपा के झण्डे देखकर वे सम्मोहित हुए बिना नहीं रह सके। अपार भीड़ के बीच वह उत्साहित होकर अपनी बातों को कह रहे थे। अमित शाह का यह उत्साह यूं ही नहीं था। भीड़ को लेकर जहां लोगों के बीच एक संशय दिख रहा था। वह संशय भाजपा के नए सिपहसालारों ने दूर कर दिया। लोग स्वतः स्फूर्त ढंग से शाह को देखने पहुंचे थे।
भाजपा के नए सिपहसालारों अंकुर राज तिवारी व वैभव चतुर्वेदी के साथ भारी संख्या में युवा कायकर्ता मैदान में पहुंचे थे। शाह के आने से पहले ही मैदान लोगों से खचाखच भर चुका था। कुर्सियां कम पड़ गर्इ थीं। स्थिति को देखकर यह लग रहा था कि लोगो के अन्दर शाह को देखने का ही भाव नहीं है बल्कि उनको यह भी दिखाने का भाव है कि भाजपा को वह दिखा दें कि वह अगर आम जन के साथ है तो आम जन भी उसके साथ है। यूं तो लोग टेलीविजन पर भी भाषण सुन सकते थे, लेकिन उनके अन्दर पार्टी को सम्बल देने की भी मंशा दिख रही थी।
कार्यक्रम स्थल पर शाह को भाजपा का वह वैभव दिखा जिसकी उम्मीद ही नहीं थी। तभी तो उन्होने मंच पर आते ही कहा कि मैने उपर से देखा तो यहां पर चारो तरफ केवल सिर ही दिखार्इ दे रहे थे। बस्ती के सांसद हरीश जी के बारे में उन्होने कहा कि मैने उनसे पूछा कि कार्यक्रम देर हो गया है, मैं आउं कि नहीं। उन्होने कहा कि शाम के 5 बज जाए तब भी यहां की जनता खड़ी रहेगी। यहां आकर भी मुझे यही प्रतीत हो रहा है।
पार्टी में नए जुड़े सिपहसालारों ने भी कम मेहनत नहीं की थी। जिलाध्यक्ष जगदम्बा लाल श्रीवास्तव ने जिस समन्वय के साथ बिखरी हुर्इ पार्टी को सहेजा वह काबिले तारीफ था। इसी की देन थी कि पिछले 1 माह से चल रहे झंझावात के बाद आज भाजपा का यह पहला चुनावी कार्यक्रम पूरी तरह से सफल रहा। लोगों की सारी आशंकाएं निर्मूल साबित हुर्इ । जिले में भाजपा को एक बार फिर शिखर पर ले जाने के लिए यहां के लोग अग्रसर दिख रहे हैं।
*काम छोड़कर सुनने आए थो व्यापारी*
शाह को सुनने के लिए जिले के व्यापारियों में भी काफी उत्साह दिखा। व्यापारी अपनी दुकानों को बन्द करके शाह के स्वागत में पहुंचे। वहीं किसानों ने भी अपनी जमकर भागीदारी निभाइ। महिला तथा युवा भी कम नहीं थे। समाज के हर जाति, वर्ग, धर्म के लोगों ने जो एकजुटता दिखाइ वह विरोधियों के माथे पर पसीना लाने के लिए काफी है।
कोई टिप्पणी नहीं
thanks for comment...