गाजे-बाजे के साथ निकली कलश यात्रा गूंजे जय कारा
सहजनवा गोरखपुर बांसगांव सन्देश ।हरपुर बुदहट गोरखपुर- हरपुर बुदहट थाना क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम रानीडीह में 9 दिवसीय विष्णु महायज्ञ का आयोजन किया गया है। जिसका शुभारंभ मंगलवार को कलश यात्रा के साथ हुआ। गाजे-बाजे के बीच यात्रा में हर ओर भक्ति का माहौल छाया दिखाई दिया। वातावरण में जयकारे की गूंज सुनाई पड़ी।
कार्यक्रम की तैयारी सुबह से शुरू हुई। जैसे-जैसे समय आगे बढ़ा, श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने लगी। महिलाएं भी कलश लिए वहां पहुंचने लगी। दोपहर में धूमधाम से कलश यात्रा निकाली गई। भक्ति गीतों के बीच आगे-आगे शोभा यात्रा में शामिल लोग अबीर-गुलाल उड़ा रहे थे, तो पीछे कलश लिए महिलाएं आगे बढ़ रही थीं। सोनबरसा, सिसवा, अहमदपुर, अतरौड़ा, रसूलपुर आदि गांवों होते हुए यात्रा पिड़ियाघाट स्थित कुआनो नदी तट पर पहुंची। जहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश में जल भरा गया। फिर यहां से यात्रा वापस यज्ञ स्थल पर पहुंची, जहां पर विधि विधान के साथ कलश स्थापित कराया गया।
आयोजक शशि नरायण चौबे ने बताया कि यज्ञ में प्रतिदिन प्रवचन का कार्यक्रम होगा, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों से भाग लेने के लिए अनुरोध करते हैं , प्रवचनकर्ता संतोष चतुर्वेदी, प्रधान गंगा प्रसाद बेलदार,यजमान श्याम नरायण चौबे, विनोद उपाध्याय, गोविन्द, राहुल शुक्ला, रमेश सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
कथा व्यास ने कहा कि महाराज दक्ष ने विशाल यज्ञ का आयोजन करने में सभी रिश्तेदारों को बुलाया। इसमें भगवान शिव को न्योता नहीं भेजा गया। प्रजापति दक्ष द्वारा न्योता न भेजने के बावजूद माता सती यज्ञ में शामिल होने के लिए पहुंच जाती हैं। जबकि भगवान शिव उन्हें यज्ञ में जाने से मना भी किया। माता सती के न मानने पर यज्ञ में पहुंचने के बाद प्रजापति दक्ष ने उनका और भगवान शिव का बहुत अपमान किया। जिस पर क्रोधित होकर माता सती ने हवन कुंड मे कूद कर अपने प्राण त्याग दिए। यह जानकार भगवान शिव ने वीरभद्र को प्रकट किया। जिन्होंने यज्ञ का विध्वंस कर प्रजापति दक्ष का सिर काट दिया। भगवान शिव माता सती का शरीर लेकर सभी लोकों में तांडव करने लगे। विनाशकारी नृत्य को रोकने के लिए भगवान विष्णु जी ने सती के अंगों को सुदर्शन चक्र से काटकर उन्हें शक्ति स्थल के रूप में मान्यता दिलाई।
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