राजकीयआयुर्वेदिक एवं यूनानी मे प्रशिक्षण प्राप्त बेरोजगार फार्मासिस्टो की सरकार द्वारा किया जा रहा है उपेक्षा -विद्याधर पाठक
सहजनवा गोरखपुर बांसगांव सन्देश।आयुर्वेदिक एवँ यूनानी फार्मेसिस्टो का प्रशिक्षण निजी कालेजों मे हो रहा है ।प्रतिवर्ष हजारों फार्मेसिस्ट प्रशिक्षण प्राप्त करके बेरोजगारी का दर्द झेल रहे है ।बिभाग मे हजारों फार्मेसिस्ट के पद बर्षो से रिक्त चल रहे है जिस पर सरकार द्वारा नियुक्ति न किए जाने से जनहित मे चिकित्सालयों के चिकित्सकीय कार्य प्रभावित हो रहे है साथ ही बेरोजगार फार्मेसिस्टो का शोषण एवँ उपेक्षा हो रही है ।शासनादेश 23/5/2014के अनुपालन मे बिभाग द्वारा प्रतीक्षा सूची न जारी होने से 162फार्मेसिस्टो का भविष्य अन्धकारमय हो गया है ,साथ ही बिभाग मे नियमित पदो को रिक्त रखना आउटसोर्सिंग एवँ संविदा पर नियुक्ति किया जाना कदापि उचित नही है ।आयुर्वेदिक एवँ यूनानी औषधियों की बिक्री पर लाइसेंस प्रणाली लागू करके उक्त औषधियों की बिक्री का लाइसेंस प्रशिक्षण प्राप्त बेरोजगार फार्मेसिस्टो को दिया जाएँ इसके अलावा 2000के बिज्ञपप्ति पदो पर 2014मे नियुक्त फार्मेसिस्टो को पुरानी पेन्शन की परिधि मे लाया जाए।उक्त यथोचित एवँ.न्यायोचित मागो को यथाशीघ्र क्रियान्वयन के लिए प्रान्तीय सँघ के पूर्ब प्रदेश अध्यक्ष विद्याधर पाठक ने उ प्र के यशस्वी मुख्यमंत्री मा० आदित्यनाथ जी से माग किया ।साथ आयुर्वेद एवँ यूनानी फार्मेसिस्टो का निजी कालेजों मे प्रशिक्षण कराने को तात्कालिक प्रभाव से रोकने की माग किया।
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