अठारहवीं पूण्यतिथि पर श्रद्धापूर्वक याद किए गए पंडित विद्या निवास मिश्र
स्वावलम्बी इण्टर कॉलेज में हुआ श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
ब्रह्मपुर गोरखपुर। देश के जाने-माने साहित्यकार, हिन्दी ललित निबन्धों के प्रतिमान, हिन्दी संस्कृत व अंग्रेजी के अग्रणी विद्वान, भारत सहित दुनिया के कुल 07 श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में संस्कृत-आचार्य के रूप में साहित्य की महनीय सेवा करने वाले, आजादी मिलने के बाद से भारतीय संस्कृति के अग्रदूत पूर्व राज्यसभा सदस्य तथा स्वावलंबी इंटर कॉलेज विशुनपुरा गोरखपुर के विकास में स्थापना काल से अतुलनीय योगदान देने वाले पद्मभूषण पं. विद्यानिवास मिश्र की 14 फरवरी को 18 वीं पुण्यतिथि पर स्वावलम्बी इण्टर कॉलेज विशुनपुरा में कार्यक्रम का आयोजन कर श्रद्धांजलि दी गई।
श्रद्धांजलि सभा में प्रबन्धक यादवेन्द्र प्रताप यादव ने अपने उद्बोधन में विद्यालय में उनके योगदान को स्मरण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानाचार्य उमेश चंद्र पांडेय ने कहा कि इस क्षेत्र का सौभाग्य है कि इतने बड़े विद्वान और साहित्यकार ने इस अंचल में जन्म लिया और अंत तक क्षेत्र से जुड़े रहे। शशिविन्दु नारायण मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि पं. विद्यानिवास मिश्र ने अपनी रचनाओं के माध्यम से पूरे विश्व में भारतीय साहित्य और संस्कृति की सुगंध बिखेरने का कार्य किया। महेन्द्र कुमार, हरिशरण पति त्रिपाठी और शिक्षक नेता रामप्रताप राम ने भी अपने उद्बोधनों में पंडित जी के योगदान को अतीव श्रद्धा पूर्वक याद किया।
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