मुनि जी जो शाप दिया बहुत ही अच्छा किया-लक्ष्मी मिश्रा
मुनि जी जो शाप दिया बहुत ही अच्छा किया-लक्ष्मी मिश्रा
बांसगांव गोरखपुर
मुनि ने जो मुझे शाप दिया, सो बहुत ही अच्छा किया। मैं उसे अत्यन्त अनुग्रह मानती हूँ कि जिसके कारण मैंने संसार से छुड़ाने वाले श्री हरि (आप) को नेत्र भरकर देखा।
उक्त बातें मानस मर्मज्ञ राधारानी की दासी लक्ष्मी मिश्र ने क्षेत्र में स्थित ग्राम भीता में आयोजित शतचंडी महायज्ञ,प
रामलीला एवम मानस प्रवचन के पंचम दिवस पर कही।उन्होंने कहा कि इसी (आपके दर्शन) को शंकरजी सबसे बड़ा लाभ समझते हैं। हे प्रभो! मैं बुद्धि की बड़ी भोली हूँ, मेरी एक विनती है। हे नाथ ! मैं और कोई वर नहीं माँगती, केवल यही चाहती हूँ कि मेरा मन रूपी भौंरा आपके चरण-कमल की रज के प्रेमरूपी रस का सदा पान करता रहे।
इस दौरान प्रमुख रुप से राम बाबू परशर जी महाराज अयोध्या ,आचार्य श्याम शरण दास,प्रवचनकर्ता लक्ष्मी मिश्रा (रामकथा) गोरखपुर कुंदन पांडेय भागवत कथा,लक्ष्मण दास जी महाराज,अवध धाम आयोजक, मुख्य यजमान भरतराज त्रिपाठी,माता जी श्रीमती दुर्गावति देवी,पवन त्रिपाठी,विनय त्रिपाठी,श्रवण त्रिपाठी,विजेंद्र त्रिपाठी,संतोष त्रिपाठी,धर्मेंद्र त्रिपाठी,बबलू तिवारी,रणविर गौड़,(प्रधान)शिवम त्रिपाठी,देवेन्द्र त्रिपाठी,रामसहाय त्रिपाठी,योगेन्द्र दुबे कमलेश तिवारीआदि का अति सहयोग रहा।
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