Header Ads

ad728
  • Breaking News

    विकासात्मक दिव्यांग बच्चों की पूर्व बाल्यावस्था के विकास में खेल की भूमिका विषय पर सीआरसी गोरखपुर में दो दिवसीय सी आर ई कार्यक्रम का शुभारंभ


    *विकासात्मक दिव्यांग बच्चों की पूर्व बाल्यावस्था के विकास में खेल की भूमिका विषय पर  सीआरसी गोरखपुर में दो दिवसीय सी आर ई  कार्यक्रम का शुभारंभ।*
    सीआरसी गोरखपुर लगातार मानव संसाधन विकास के कार्यक्रम में अपनी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इसी क्रम में आज सीआरसी गोरखपुर में पूर्व बाल्यावस्था के विकास में खेल की भूमिका विषय पर दो दिवसीय  सीआरई कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान के निदेशक डॉ हिमांग्शु दास के मार्गदर्शन में हुआ। गोरखपुर के सहायक प्राध्यापक, नैदानिक मनोविज्ञान विभाग, श्री राजेश कुमार ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि बाल विकास में खेल की महत्वपूर्ण भूमिका है। सीआरसी गोरखपुर के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर श्री रवि कुमार ने कार्यक्रम के प्रति अपनी शुभकामनाएंव्यक्त की। आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री राजेश रामचंद्रन पुनर्वास अधिकारी एनआईईपीएमडी, चेन्नई ने कार्यक्रम को संबोधित किया। अपने संबोधन में श्री रामचंद्रन ने कहा कि खेल के माध्यम से बच्चों का  शैक्षिक, बौद्धिक तथा मानसिक विकास संभव है। तकनीकी सत्र में खेल के महत्व की बात करते हुए आज के रिसोर्स पर्सन श्रीमती सुभा चंद्र शेखर, फाउंडर डायरेक्टर, अनुग्रहम, नई दिल्ली  श्री राम कुमार नागर, प्रवक्ता, विशेष शिक्षा एनआई एमएचआर, सीहोर, मध्य प्रदेश, अरविंद कुमार पांडे, विशेष शिक्षक, सीआरसी गोरखपुर तथा मनोज सूर्यवंशी, कार्यक्रम सलाहकार, एसओएस, इंटरनेशनल विलेज एशिया, फरीदाबाद ने खेलों के प्रकार, खेलों का महत्व तथा खेल के प्रमोशन में अभिभावक की भूमिका पर अपने विचार व्यक्त किए। वक्ता गणों ने कहा कि बाल्यावस्था में खेलों का समुचित अवसर मिलने से बच्चों का शारीरिक, बौद्धिक तथा सामाजिक विकास के साथ-साथ सर्वांगीण विकास का होता है। खेल के माध्यम से बच्चों में कल्पनाशीलता, तर्कशीलता, रचना शीलता जैसे  गुणों का विकास होता है तथा बच्चे एक सफल नागरिक के रूप में विकसित होते हैं। बता दें इस सी आर ई कार्यक्रम में पूरे भारतवर्ष से लगभग 100 लोग प्रतिभाग कर रहे हैं। प्रत्येक पुनर्वास व्यवसायिक को अपना रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र नवीनीकरण करवाने के लिए सी आर ई कार्यक्रम करना पड़ता है। कार्यक्रम समन्वयक संजय प्रताप जी ने कार्यक्रम का संचालन किया।

    कोई टिप्पणी नहीं

    thanks for comment...

    Post Top Ad

    ad728

    Post Bottom Ad

    ad728
    ad728