सफल और सरल जीवन जीने का सुत्र हैश्री राम चरित मानस
गोलाबाजार गोरखपुर 8 मार्च।
गोला थाना क्षेत्र ग्राम पंचायत खखरी बलिया में चल रहे श्रीराम नाम महायज्ञ में अयोध्या धाम से पधारे पुज्य मानस किंकर जी महराज ने यज्ञ के चौथे दिवस राम कथा का रसपान कराते हुए कहा कि जब स्वार्थ के बशीभूत हो कर ब्यक्ति अपने इच्छित फल नही कर पाता है। तो वह अपने माता-पिता, मित्र और गुरु के प्रति दुर्भावना पुर्ण ब्यवहार करने लगता है।
आगे महराज जी नारद विवाह कथा का रसपान कराते हुए कहा कि विवाह एक संस्कार है, खेल नहीं और प्रत्येक विवाह में कोई न कोई माध्यम की आवश्यकता होती है,। और स्वयम के प्रस्ताव अथवा बिना मध्यस्थ के विवाह संदिग्ध स्थिति में होता है। नारद जी ने भगवान से निज स्वार्थ की बात किया तो भगवान ने उनके प्रदुषित दृष्टि के अनुसार स्वरूप नही दिया बल्कि और विभत्स बना दिया।
महराज जी ने समाज में ब्याप्त बुराइयों पर प्रहार करते हुए कहा कि पाश्चात्य सभ्यता के कारण भारतीय परिवार टूट रहा है। इसलिए प्रत्येक परिवार को रामचरित मानस का पाठ और अध्ययन करके सफल और सरल जिवन जो विश्वास और श्रद्धा के साथ जीवन जीना चाहिए।
यहां पर राम गिरीश तिवारी, जगदीश तिवारी, छोटकू तिवारी, शेषमणि तिवारी, हरि प्रकाश तिवारी, हरिप्रकाश गुप्ता, शेषनाथ यादव आदि भारी संख्या में भक्तों ने कथा का रसपान किया।
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