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    शबरी बोली गुरु देव अवगुण भरे मेरे शरीर को कैसे तारेंगे-आचार्य मधुर दास जी





    सहजनवा गोरखपुर बांसगांव संदेश ।वर्षों से  नि: स्वावार्थ संतों की सेवा करने करने वाली भीलनी  सबरी से जब गुरुदेव मतंग ने पूछा, बेटी  तू  चुपके से महात्माओं इतनी दिनों सेवा क्यों कर रही हो, तुम्हारी  सेवा भाव देखकर  मेरा ह्रदय अत्यंत प्रेम और  करुणा से भर गया है । बताओं तुम्हें क्या चाहिए ।  गुरुदेव के कोमल और  वात्सल्य भरे वचनों को सुनकर  भीलनी रो पड़ी और बोली  गुरुदेव ! मेरे  शरीर अवगुण  भरा  है, नीच और स्र्त्री जाति हूं, आप इसे कैसे तारेंग ।  

    उक्त- बातें चित्रकूट धाम से पधारे आचार्य मधुर दास जी महाराज ने कही । वह पाली विकासखंड के ग्राम  पालिका में चल रहे श्री  विष्णु महायज्ञ के तीसरे दिन व्यासपीठ से श्रद्धालुओं को कथा रसपान करा रहे थे । उन्होंने कहा कि शबरी  बोली, गुरुदेव हमें भगवान की भक्ति और उनके दीदार करा दीजिए । उसकी बात सुनकर गुरुदेव बहुत प्रसन्न हुए और बोले, बेटी तू चिंता मत कर भगवान को तुम्हें कहीं खोजने  नहीं जाना पड़ेगा ।  तुझे भगवान ही खोजते हुए एक दिन तेरी कुटिया में आएंगे । यह मेरा आशिर्वाद है ।
    कथा व्यास ने कहा कि- गुरुदेव मतंग के निर्णय से बाकी संत नाराज हुए  कि गुरुदेव ने एक नीच कुल की  गवार स्त्री को अपनी शिष्या बना लिया और उसे आशीर्वाद प्रदान कर दी । उसी समय एक ऐसा चमत्कार हुआ । वैकुंठ धाम से  विमान आया गया और गुरु मातंग जो  बैठकर वैकुंठधाम चले गए ।  उक्त अवसर पर प्रधान पति भोरई पांडे, पिंटू पांडे, सागर,भागी चौधरी, जोगेश चौरसिया, पिंटू पांडे नीरज पांडे, गुड्डू पांडे, सुधीर कुमार, चंदा गुप्ता,शैलेंद्र भागी चौधरी, बलराम पांडे, अमरावती पांडे समेत कई लोग मौजूद थे ।

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