प्रेम व सद्भावना का प्रतीक होता है होली मिलन : शत्रुघ्न कसौधन
गोला बाजार गोरखपुर 27 मार्च। होली मिलन समारोह सामाजिक प्रेम व सद्भावना का प्रतीक होता है। समाज में व्याप्त कुरीतियों को आपस में मिलजुल कर समाप्त करना ही होली मिलन है।जिस तरह से होली मिलन समारोह में अबीर गुलाल और फूल की होली सभी लोग आपस मे मिलकर भाई चारे के साथ खेलते हैं ।वह एकता की एक मिसाल पेश करता है।उक्त बातें उपनगर गोला के कसौधन मैरेज हाल मे शनिवार की देर शाम होली मिलन समारोह के आयोजक भाजपा के जिला कोषाध्यक्ष शत्रुघ्न कसौधन ने कही। आगे उन्होंने कहा कि इस समारोह में सभी वर्गो के लोगों ने शिरकत कर भाईचारा की मिशाल पेश किया है। इस मौके पर वरिष्ठ भाजपा नेता श्याम नारायण दुबे सदन तिवारी सभासद दल के नेता अशोक कुमार वर्मा चेयरमैन प्रतिनिधि मुराली प्रसाद आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।कार्यक्रम की अध्यक्षता मेघू जायसवाल व संचालन भाजपा मण्डल अध्यक्ष गोला देवेश निषाद ने किया।इससे पूर्व कार्यक्रम के शुभारम्भ में श्री कसौधन व अतिथिगणों ने भगवान नरसिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया। कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध कवि रामअधार व्याकुल एवं उनके साथियों द्वारा हास्य रस की कविताएं प्रस्तुतकिया गया। वही सुप्रसिद्ध लोकगीत गायक सुबाष राजभर की टीम ने अपने गीतों से लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।कवि रामअधार व्याकुल ने अपने कविता पेश किया प्राणी अनेक ही भले ही धरा पर कोई मनुष्य सामान नहींं है व्यर्थ ही है जीवन उसका जिसको संबंध का ज्ञान नहीं है। कद्र बुजुर्गों की करने से बेहतर और कोई सम्मान नही है और किसी का भी माता पिता से बड़ा जग में स्थान नहीं है।
श्रोताओं ने तालियां बजा कर उनकी हौसलाअफजाई किया। मनहर जी नेेे अपना कविता प्रस्तुत किया बढ़ रहा है हिंसा अनल जो नफरत बुझाना पड़ेगा दोस्तों गर ऐसा हुआ तो मूल्य महंगा चुकाना पड़ेगा।भाउक होकर श्रोतागण तालियां बजाने को मजबूर हो गये।मस्ताना जी नेे अपनी कविता की माध्यम सेे कहा होली का मुख बनाकर हुआ है लिहो लिहो अरे 100 ग्राम से कैसे काम चलेगा मुंह से बोतल पीओ और नन्दा जी ने कहा दिल से कोई बुढ़ा नहीं होता सोना कही गिर जाए तो कुड़ा नहीं होता भले मुंह से बतीसो दांत झर जाए तो झर जाए क्या चूसने के लिए मसुड़ा नहीं होता।लोगों ने इस कविता पर तालियां बजा कर खुब सराहा। वही लोकगीत गायक गणेश चंद्र भारती के गीत प्रदेश के मुखिया बाबा जी को पेश करते हुए गाया अब ना रहब सैया माटी के घर में छत छत लगवा दी एही शहर में वही पूजा पांडेय ने अपने गीत को प्रस्तुत किया इन दोनों कलाकारों के गीतों को सुनकर लोग झूमने को मजबूर हो गए।
कार्यक्रम के अंत में लोगो ने फूलों से होली खेलकर आपसी भाईचारा और प्रेम व एकता का संदेश दिया।
इस अवसर पर जिपंस बालचंद सोनकर रामभुआल कसौधन मिंटू तिवारी विष्णु जायसवाल संगम तिवारी सुभाष कसौधन उ रामकिंकर जायसवाल भारद्वाज पांडेय विद्याधर पांडेय रामशब्द निषाद दिनेश सिंह जितेंद्र गुप्ता रामदरश कसौधन महेंद्र सोनकर दिनेश सोनकर वीरेंद्र मालाकार रमेश तिवारी रिंकू तिवारी नंदलाल जायसवाल निलेश दुबे टीअई बाबा संतोष कसौधन विजय जायसवाल अर्जुन सोनकर इमरान अंसारी बबलू सोनकर ऋषिकेश साहनी सनी जायसवाल राम शब्द भारती शंभू कसौधन कस्तूरी जायसवाल हाजी हुसैन संतलाल गुप्ता प्रदीप प्रजापति रिंकू चौधरी रामसहाय चुरमुनी सोनकर सहित आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे ।
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