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    अली अकबर व आरिफ रज़ा बने हाफ़िज़-ए-क़ुरआन, हुआ जलसा

    अली अकबर व आरिफ रज़ा बने हाफ़िज़-ए-क़ुरआन, हुआ जलसा
    गोरखपुर। सूर्यविहार तकिया कवलदह के रहने वाले मोहम्मद अनवार व जमीरुन निसा के पुत्र अली अकबर और यहीं के मोहम्मद चुन्नू व शरीफुन्निसा के पुत्र मोहम्मद आरिफ रज़ा ज्य़ाई के हाफ़िज़-ए-क़ुरआन बनने की खुशी में तकिया कवलदह में सोमवार को जलसा हुआ। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत से आगाज़ हुआ। नात व मनकबत पेश की गई। हाफ़िज़ अली अकबर व हाफ़िज़ मोहम्मद आरिफ रज़ा का फूलों से स्वागत किया गया। तोहफों व दुआओं से नवाज़ा गया। 

    इस मौके पर उलमा-ए-किराम ने कहा कि पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का इरशाद  है “इल्मे दीन का सीखना हर मुसलमान पर फर्ज है”। क़ुरआन में विभिन्न स्थानों पर अल्लाह ने इल्म के महत्व को स्पष्ट किया है। यह इल्म है जिसे प्राप्त करने के लिए एक व्यक्ति जब निकलता है तो उसके लिए स्वर्ग का पथ सरल कर दिया जाता है, फ़रिश्ते उसके रास्ते में अपना पर बिछाते हैं। इस्लामी विद्वानों ने इल्म सीखने और इसके प्राप्त करने के लिए अपनी पूरी कोशिशें सर्फ़ कर दीं। इस्लामी विद्वानों ने जिस प्रकार इस रास्ते में परिश्रम किया दुनिया के इतिहास में इसका कोई उदाहरण नहीं मिलता। हमें उन विद्वानों के नक्शेकदम पर चलकर इल्म हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए।

    अंत में सलातो सलाम पढ़कर दुआ मांगी गई। जलसे में मुफ्ती मेराज अहमद क़ादरी, मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी, कारी गुलाम जीलानी, हाफ़िज़ रहमत अली निजामी, कारी मोहम्मद अनस रज़वी, क़ासिद रज़ा इस्माईली आदि ने शिरकत की।

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