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    शिक्षाशास्त्र विभाग और ह्यूमन रिसोर्स डेलेपमेन्ट सेन्टर,दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय

    शिक्षाशास्त्र विभाग और ह्यूमन रिसोर्स डेलेपमेन्ट सेन्टर,दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुरi
    रिफ्रेशर कोर्स के चतुर्थ दिन के प्रथम सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर पीसी शुक्ला पूर्व विभागाध्यक्ष शिक्षा शास्त्र विभाग काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी रहे जिन्होंने अपने व्याख्यान पर इस बात पर बल दिया कि समायोजन पूर्ण एवं बेहतर जिंदगी जीने के लिए यह आवश्यक है कि शिक्षा की संपूर्ण व्यवस्था पर ध्यान दिया जाए शिक्षा मानव मात्र का निर्माण करें और उसमें मानवता के समस्त गुणों का समाकलन करें इसके लिए आवश्यकता इस बात की होगी कि कक्षा कक्ष शिक्षण आनंद आई हो और अधिगम प्रभावशाली हो जिससे कि विद्यार्थियों की मनोवृति परिष्कृत हो और उसमें सच्चरित्र तथा सद्गुणों का विकास हो सके। इस सत्र का संचालन डॉक्टर ममता चौधरी द्वारा किया गया तथा मुख्य वक्ता का स्वागत प्रोफेसर सरिता पांडे कोर्स कोऑर्डिनेटर द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर सुषमा पांडे द्वारा किया गया।
    द्वितीय सत्र के मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर सुनील सिंह आचार्य शिक्षा शास्त्र विभाग काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी रहे जिन्होंने शिक्षण व्यवसाय में शिक्षकों के व्यवसायिक नैतिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षक शिक्षा के संपूर्ण व्यवस्था में यह अत्यंत आवश्यक है कि वह नैतिक और चारित्रिक रूप से दृढ़ तथा दक्ष शिक्षकों को तैयार करें जिससे कि वह विभिन्न प्रकार के विद्यालयों में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में यथोचित अपना सहयोग दे सकें।
    इस सत्र का संचालन डॉ अपर्णा मिश्रा द्वारा किया गया मुख्य अतिथि का स्वागत एवं अभिनंदन प्रोफेसर सरिता पांडे कोर्स कोऑर्डिनेटर द्वारा किया गया।
    तृतीय सत्र मेँ मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर अंजलि बाजपेई आचार्य शिक्षा शास्त्र विभाग काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी रही उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत में स्वतंत्रता के पश्चात ही सभी स्तरों की शिक्षा में गुणात्मक तथा संख्यात्मक प्रचार प्रसार के लिए अनेक आयोग एवं नीतियों का निर्धारण किया गया और सभी ने अपने अलग-अलग लक्ष्यों को निर्धारित कर के कार्यान्वयन हेतु कार्य किया वर्तमान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अब शिक्षा के संपूर्ण स्वरूप में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए शिक्षा को भारत की शिक्षा और राष्ट्र की शिक्षा बनाने की ओर उन्मुख कर रही है इसके द्वारा शिक्षा के उद्देश्यों आदर्शों लक्ष्यों पाठ्यक्रम स्वरूप शिक्षण विधियां स्तरों सभी पर भावी भारत के निर्माण को ध्यान में रखकर कार्य किया जाएगा जिससे कि विश्व में एक मजबूत और सशक्त नागरिकों से समृद्ध भारत का स्वरूप निखर कर आए। इस सत्र का संचालन डॉ अंकुर सिंह कर रही तथा मुख्य वक्ता का स्वागत प्रोफेसर सुषमा पांडे एवं प्रोफेसर सरिता पांडे द्वारा किया गया।

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