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    शिक्षक, पीएचडी स्कालर्स और पीजी के विद्यार्थियों की लगेगी बॉयोमेट्रिक हाजिरी



    *शिक्षक, पीएचडी स्कालर्स और पीजी के विद्यार्थियों की लगेगी बॉयोमेट्रिक हाजिरी*

    गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के रसायन विभाग की ओर से  'मॉलिक्यूल्स टू मैटेरियल्स फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट' विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
    अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि सभी विभागों में अब बॉयोमेट्रिक हाजिरी लगाई जाएगी। सभी विभागाध्यक्ष इसे प्राथमिकता के आधार पर 31 मार्च तक अपने-अपने विभागों में लगवाना सुनिश्चित करें। पहले चरण में शिक्षक, पीएचडी स्कालर्स के साथ पीजी के विद्यार्थियों की हाजिरी लगाई जाएगी। हाजिरी के अनुसार ही वेतन, फेलोशिप का भुगतान होगा। नैक मूल्यांकन में भी बॉयोमेट्रिक हाजिरी से विश्वविद्यालय को अच्छे नंबर मिलेंगे।
    उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का विज्ञान संकाय क्षमतावान है। सभी विभागाध्यक्ष रिसर्च स्कालर्स के लिए उपयुक्त माहौल बनाए, जिससे वो सुनियोजित तरीके से कार्ययोजना तैयार कर अपने रिसर्च प्रोजेक्ट का सार(सिनोपसिस) को प्रस्तुत करें। विश्वविद्यालय की ओर से पीएचडी स्कालर्स को 10 हजार रुपये की छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि बदलते वक्त के साथ खुद को बदलने की जरुरत है। सभी विभागाध्यक्ष और संकायाध्यक्ष फेसबुक,ट्विटर, इंस्टाग्राम और लिंक्डइन पर अपने अकाउंट को बनाए। विभागीय टाइम टेबल, लेक्चर्स के ऑडियो वीडियो, व्याख्यान, विद्यार्थियों की उपस्थिति को विश्वविद्यालय की वेबसाइट के साथ अपने अपने अकाउंट पर शेयर करें। प्रत्येक विभाग अपना यूट्यूब चैनल तैयार करें।
    मुख्य अतिथि ने कहा कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान के प्रो डीएस पांडेय ने कहा कि  “मॉलिक्यूल्स  टू  मेटेरियल्स   फॉर  सस्टेनेबल  डेवलपमेंट”पर अपने विचारों को रखा। यह बताया कि कैसे मैटेरियल्स के शोध का क्षेत्र देश के सतत विकास में अपना योगदान दे सकता है। इस क्षेत्र में  नए नए तकनीकों का प्रयोग कैसे हम विकास के लिए कर सकते हैं। इसके लिए हमे अनुसंधान करने की सुविधाओं पर भी जोर देना होगा , जो कि भविष्य में सतत विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।  
    आचार्य एवं समन्वयक प्रो० उमेश नाथ त्रिपाठी  ने सभी प्रतिभागियों एवं आगंतुको का धन्यवाद ज्ञापन किया। इस सत्र का संचालन आयोजन सचिव डा० नेत्रपाल सिंह ने किया।
     रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के प्रो० आर० सी० मौर्या ने कहा कि नेत्र स्वास्थ्य के मिशन में कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन सल्फाइड के साथ नाइट्रिक ऑक्साइड सहित मानव शरीर क्रिया विज्ञान के सामान्य कामकाज के लिए जिम्मेदार अच्छी तरह से परिभाषित सिग्नलिंग अणुओं के एक सेट जिसको "गैसोट्रांसमीटर" कहा जाता है।  मानव शरीर की लगभग हर प्रणाली में उनकी भागीदारी के कारण, इन अणुओं का दवाओं के रूप में उपयोग करने वाले अत्यधिक संवेदनशील अंगों की देखभाल जो कि अनुसंधान के अत्यधिक आकर्षक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती है।  काशी ‌हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो० आर० के० मिश्रा ने अपने व्याख्यान जिसका शीर्षक" द्विआधारी तरल मिश्र धातुओं के थर्मोडायनामिक्स पर परमाणु पैमाने की संरचना का प्रभाव" पर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत मंचासीन अतिथियो ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर और दीप प्रज्वलित कर किया। तत्पश्चात विभागाध्यक्ष व कार्यक्रम-संयोजक प्रो० सुधा यादव ने माननीय कुलपति व कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो० राजेश सिंह, प्रो० उमेश नाथ त्रिपाठी ने विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो० अजय सिंह,   प्रो० ओ० पी० पाण्डेय ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो० डी० यस० पान्डेय, को पुष्प गुच्छ, स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्रम देकर स्वागत व अभिनन्दन किया।

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