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    वक़्फ़ का कब्ज़ा न देने पर पूर्व मोतवल्ली को थाने पर किया गया तलब

    वक़्फ़ का कब्ज़ा न देने पर पूर्व मोतवल्ली को थाने पर किया गया तलब



    जिलाधिकारी के आदेश का पालन कराने वक़्फ़ इमामबाड़ा अशरफुन्ननिशा खानम पहुंचे थे नायब तहसीलदार


    गोरखपुर । वक़्फ़ संपत्तियों को लेकर सरकार के सख्त तेवर के बाद अब वक़्फ़ सम्पत्तियों में लूट करने वालों की खैर नहीं है । 
    मामला उ0प्र0 शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड से जुड़ा है ।
    गोरखपुर जिले में सुन्नी वक्फ बोर्ड के अंतर्गत लगभग एक हजार रजिस्टर्ड वक़्फ़ हैं जबकि शिया वक्फ बोर्ड में गोरखपुर जिले से मात्र दो वक़्फ़ पंजीकृत है। पहला वक़्फ़ नम्बर I-2510 वक़्फ़ कनीज़ जैनब और दूसरा वक़्फ़ नम्बर I-1524 वक़्फ़ अशरफुन्ननिशा खानम। 
    इनमें से पहला वक़्फ़ कनीज़ हसनैन मौसूमा इमामबाड़ा नब्बन साहब एक छोटा वक़्फ़ है जबकि वक़्फ़ अशरफुन्ननिशा खानम के तहत गोरखपुर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर और कुशीनगर जिलों में अकूत सम्पत्तियां दर्ज हैं जिसपर एक परिवार का कब्ज़ा था और इस परिवार ने मस्जिद व इमामबाड़ा व कब्रिस्तान जो एक ही जगह स्थित हैं, उसको छोड़कर सभी सम्पत्तियों को परिवारिक सम्पत्ति बना लिया था। 
    बताते चलें कि सुन्नी वक्फ बोर्ड  और शिया वक्फ बोर्ड के तहत पूरे प्रदेश में वक्फ संपत्तियों के रखरखाव के लिए उनके मुतवल्ली की जिम्मेदारी तय है। बोर्ड की तरफ से मुतवल्ली की ज़िम्मेदारी है कि वह वक़्फ़ संपत्तियों की सिर्फ देखभाल करने वाला होता है न कि उसका मालिक। 
    वक़्फ़ अशरफुन्ननिशा खानम में भ्रष्टाचार की शिकायत हर स्तर पर अलग अलग लोगों द्वारा की गई थी।
    इस वक़्फ़ की संपत्ति को व्यक्तिगत संपत्ति बताने की होड़ में गोरखपुर जिले में इमामबाड़ा अशरफुन्ननिशा खानम जो गीता प्रेस के सामने स्थित है, का नाम बदल कर इमामबाड़ा आगा असगर हुसैन के दिया गया।
    बहरहाल जैसे जैसे योगी सरकार वक़्फ़ के लुटेरों पर शिकंजा कस रही है, वक्फ संपत्तियों में लूट करने वालों में बेचैनी बढ़ती जा रही है। 
    विगत 18 फरवरी को वक़्फ़ बोर्ड ने एक नई कमेटी को मान्यता दे दी जिसके बाद वक़्फ़ का चार्ज दिलाने के लिए जिलाधिकारी को बाकायदा मजिस्ट्रेट की तैनाती करनी पड़ी।
    सोमवार को वक़्फ़ का चार्ज नई कमेटी को हस्तगत करने के क्रम में नायब तहसीलदार नगर ने बाकायदा इमामबाड़ा परिसर का दौरा करते हुए दूरभाष के माध्यम से पूर्व मोतवल्ली आगा अली मोहम्मद को इमामबाड़े की चाभी देने को कहा लेकिन उनके परिवार द्वारा आना कानी करने पर उनको मंगलवार सुबह राजघाट थाने पर तलब किया है।
    बहरहाल वक़्फ़ समेत सार्वजनिक सम्पत्तियों के मामले में वर्तमान सरकार के रुख को देखते हुए अवैध कब्जाधारकों में बेचैनी बढ़ गई है।

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