आईजीएल मे विधिक विचार गोष्ठीका हुआ आयोजन
सहजनवा गोरखपुर बांसगांव संदेश। जनपद न्यायाधीश व विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव देवेंद्र कुमार द्वितीय (सिविल जज)के भगीरथ प्रयास न्याय भावना और आइजीएल के बिजनेस हेड एस के शुक्ल के अनुरोध पर आज न्याय चला जन जन से मिलने की गोष्ठी का आयोजन दीन दयाल राजकीय महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ कुमुद त्रिपाठी के सहयोग से सपंन्न हुवा ।
विधिक जागरूकता गोष्ठी का आयोजन जनपद गोरखपुर में तकरीबन 200 से अधिक आयोजित किये जा चुके है और आज इसी क्रम में आईजीएल के व्यापार प्रमुख एव उत्तर प्रदेश डिस्टलरी एसोसिएशन के अध्यक्ष शशिकांत शुक्ल के अनुरोध और प्रयास से न्याय चला जनजन के द्वार थीम पर आयोजित का यह गोष्ठी पूर्णतः महिला अपराध, उनके हक और घरेलू हिंसा के बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया गया था, क्योंकी एस के शुक्ल द्वारा एक ओर महिलाओं को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कियाजा रहा है ऑफ दूसरी और उन्हें बेहतर शिक्षा स्वास्थ्य, स्वच्छता इत्यादि क्षेत्रों में बहूत तेजी से कार्य कराया जा रहा और महिला अपराधों को रोकने और उन्हे शशक्त बनाने की दिशा में भी पहल कर उन्हें उनके अधिकार दिलाने का कार्य भी आज से शुरू कर दिया गया है क्योंकि एस के शुक्ल का मानना है कि एक स्वस्थ्य समाज आदर्श समाज की स्थापना तभी संभव है जब महिलाएं आत्मनिर्भर और उनके अधिकार उन्हें मिलेंगे तभी एक शिक्षित सभ्य समाज बनेगा।आइजीएल के बिजनेस हेड ने प्रदेश की सत्ता दोबार से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिलने पर हर्ष जाहिर किया और जनता के प्रति आदर भाव व्यक्त किया।आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनपद न्यायायलय के सिविल जज श्री देवेंद्र कुमार व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर जहा महिला अधिनियम और तमाम महिलाओं के अधिकार और जिला विधिक सेवा के कार्यो पर प्रकाश डालकर सभी को न्ययालय की प्रक्रिया और न्यायालय के न्याय की मंशा को समझाया वही दूसरी और उनके समस्त अधिकारों का जिक्र करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ कुमुद त्रिपाठी जी को एक विशेष पुस्तक भेट कर कहा कि इसे कक्षाओं में जरूर पढ़ाया जाए और सभी लोगो को उनके विधिक अधिकारों से जागरूक किया जाए जिससे के सभ्य समाज का निर्माण हो सके । और विशिष्ट अतिथि आइंजीएल के डीजीएम श्री शैलेशचंद जी रहे। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित व माल्यार्पण के साथ अतिथि द्वय ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्रचार्या डॉ कुमुद त्रिपाठी ने किया। प्रचार्या डॉ त्रिपाठी ने अपने भावुक सन्देश में जहां आइंजीएल के बिजनेस हेड के पावन प्रयासों की जमकर तारीफ की वहीं मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए अपने महाविद्यालय परिसर में उनके उपस्थिति व सम्बोधन से प्राप्त न्याययिक ज्ञान को कॉलेज के छात्राओं के लिए बेहतर कवच बताते हुए बालिकाओं को निर्भीक होकर महाविद्यालय के अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए निरन्तर कामयाबी व तरक्की के नवोन्मेषी गुर भी बताया। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सिविल जज श्री देवेंद्र कुमार जी ने आइंजीएल के प्रबन्धक प्रशासन डॉ सुनील कुमार मिश्रा जी द्वारा किये गए समन्वय व सहयोग के लिए ह्रदय से स्नेहाशीष देते हुए आइंजीएल द्वारा ऐसे आयोजनों को अनेकानेक जगहों पर जनजागरुकता पैदा करने की जरूरत पर बल देते हुए बिजनेस हेड श्री एस के शुक्ल को खास तौर पर आमंत्रित भी किया। समारोह की प्रस्तावना डॉ सुनील कुमार मिश्रा ने बड़े सारगर्भित रूप से प्रस्तुत कर सबको केंद्रित किया।विशिष्ट अतिथि डीजीएम शैलेशचन्द ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कॉलेज के छात्राओं को अपने हक, अधिकार व तरक्की के लिए सदैव मजबूती से आगे बढ़ना होगा। और न्ययालय के एडवोकेट फहेद अहमद जी ने बहूत ही सरल तरीके से विधिक सेवा के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। और महाविद्यालय के सहायक प्रोफेसर अमित गोयल ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया और मशहूर कवि राजेन्द्र त्यागी की कविता को कोट किया,
करेंगे कोशिस अब आसमान छूने की, जिनके हाथ अभी बैसाखियों पर रखे है। बुझा सकेंगे न बुजदिल हवायों के झोंके दिए कुछ इल्म के दरियादिलो में रखे है। वही आइजीएल के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी आत्मा नन्द सिंह ने सभी प्रदेश सरकार के महिला शसक्तीकरण का तारीफ किया और महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ कुमुद त्रिपाठी को शिक्षा जगत का कोहिनूर बताया। कार्यक्रम के बिन्दुयो पर चर्चा करते हुए सहायक प्रोफेसर डॉ मनीशा जी ने बताया कि किस तरह जेलों में बंद महिलायों की सुरक्षा के लिए उनके भोजन को पौष्टिक बनाने हेतु सब्जियों, फलों, अनाजो का उत्पादन वही किया जाता है, मंच संचालन डॉ पवन कुमार जी ने सफलता पूर्वक किया।और इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महाविद्यालय की छात्राए,के साथ अध्यापिकाये भी उपस्थिति रही। सिविल जज द्वारा कुछ लोगो को संम्मानित भी किया गया जिनके नाम नाम इस प्रकार है, डॉ तरन्नुम, सुनील यादव, साक्षी पांडेय और पवन कुमार ।
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