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    जीव कल्याण के लिए होती है श्रीमदभागवत कथा - राधाबल्लभ दीक्षित




    गोलाबाजार गोरखपुर1 मार्च। जीवों के कल्याण के लिए ही कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास जी ने नारायण की कृपा से श्रीमद्भागवत की रचना किया।उनका उद्देश्य जीव मात्र का कल्याण करना था व्यास जी ने सत्रह पुराण की रचना के बाद ही भागवत जी की रचना किया ।हरि भक्ति कैसे प्राप्त हो कैसे जीव का कल्याण हो इन सभी विषयों तथा लीला कथा का वर्णन इस भागवत जी मे लिखा एवं गाया है कृष्ण भक्ति ही परम कल्याण कारक होती है।

    उक्त बातें गोला विकास खंड के रामपुर गड़री में  आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद भागवत कथा में कथावाचक राधा बल्लभ दीक्षित ने श्रोताओं को कथा का रसपान कराते हुए कही। आगे कहा कि केवल ज्ञान जिसमे होगा उसमे मस्ती नही होगी ज्ञान को जब घुंघुरू बँध जाए तो उसको भक्ति कहते है। धन्य है वृन्दावन यह वृन्दावन तो नृत्य की भूमि है जहां भक्ति ने स्वयं नृत्य किया है। भक्ति नाचती है जहाँ विश्व मे एक कला ऐसी है नर्तन। लेकिन नर्तन में नृत्य भिन्न और नर्तक भिन्न कभी नही होता जहां नृत्य होता है वहां नर्तक होता ही है भक्ति तो शिव और जीव की एकता का प्रतीक है। कथा का शुभारंभ मुख्य यजमान टिकोरी प्रजापति द्वारा व्यासपीठ की आरती उतारकर और कथा वाचक को माल्यार्पण कर हुआ। इस अवसर पर कथा के संयोजक डॉ हरी मोहन द्विवेदी संरक्षक मंडल हरे कृष्ण द्विवेदी राम बचन यादव प्रमोद यादव भरत शर्मा प्रिंस यादव शिवम दुबे वीरेंद्र नाथ दुबे गंगासागर मौर्य  बालेन्दु दुबे अभिषेक रामदवन प्रजापति बुद्धू सोनकर सहित क्षेत्र के श्रोता गण पहुंच करके कथा का रसपान किया।

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