गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) में दीक्षा पाठ्यचर्या समारोह का दूसरा दिन
*शोध के सभी मानकों पर खरा सोना है आयुर्वेद : डॉ. दिनेश*
*योग्य चिकित्सक बनने को सिद्धांत व व्यवहार दोनों पक्षों पर ध्यान जरुरी*
*गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) में दीक्षा पाठ्यचर्या समारोह का दूसरा दिन*
गोरखपुर। सुपरिचित काया चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. दिनेश सिंह ने कहा कि प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद पूरे विश्व समाज के लिए भारत की तरफ से अनुपम उपहार है। बिना किसी साइड इफेक्ट वाली यह पद्धति शोध के सभी मानकों पर खरे सोने के समान है। आज पूरी दुनिया निरोग होने के लिए आयुर्वेद की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रही है। ऐसे में यह आवश्यक है कि हम आयुर्वेद के क्षेत्र में निरंतर समय अनुकूल शोध व अनुसंधान पर जोर दें।
डॉ. दिनेश सिंह मंगलवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम की संस्था गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) में बीएएमएस प्रथम वर्ष के नवागत विद्यार्थियों के दीक्षा पाठ्यचर्या (ट्रांजिशनल करिकुलम) समारोह के दूसरे दिन विद्यार्थियों को आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में अपने अनुभव से लाभान्वित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक योग्य चिकित्सक बनने के लिए विद्यार्थी को सिद्धांत के साथ व्यवहार पक्ष पर भी पूरी गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती। जिस दिन किसी चिकित्सक हो या लग गया कि वह सब कुछ जान गया है तो उसका पतन शुरू हो जाता है इसलिए अपने ज्ञान को हमेशा बढ़ाते रहना चाहिए। जिसके पास सिद्धांत व प्रयोगात्मक या व्यवहारिक पक्ष का ज्ञान होगा वही श्रेष्ठ चिकित्सक बनने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि हर एक वस्तु के गुण अलग-अलग मामलों में अलग-अलग तरह के होते हैं। उसका प्रयोग इस मामले में किस रूप में किया जाए, इसे समझने की आवश्यकता होती है और यह ज्ञान सिर्फ किताबों को रट कर नहीं अर्जित किया जा सकता। इसके लिए प्रायोगिक पक्ष पर भी ध्यान देना होगा। डॉ दिनेश ने छात्रों को आयुर्वेद की पढ़ाई संस्कृत में भी करने की सलाह दी और कहा कि गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज के संसाधन, वातावरण और फैकल्टी को देखकर वह निश्चिंत है कि यहां पढ़ने वाले छात्र आयुर्वेद के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने में कामयाब होंगे।
आज के विशेषज्ञ वक्ता के स्वागत के उपरांत गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्राचार्य डॉ. पी. सुरेश ने अपने व्याख्यान से छात्र-छात्राओं को आयुर्वेद सेवा के जरिये समाज व राष्ट्र सेवा के पथ पर आगे बढ़ने को प्रेरित किया।
*जीवन के उद्देश्यों के प्रति स्पष्टता जरूरी : डॉ. प्रदीप राव*
दीक्षा पाठ्यचर्या समारोह में मंगलवार के पहले सत्र में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने "हम, हमारा जीवन और जीवनोद्देश्य" विषय पर बीएएमएस के नवप्रवेशी विद्यार्थियों से संवाद किया। उन्होंने मानव जीवन को लेकर विज्ञान और आध्यात्मिक दर्शन दोनों के मत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम सभी को अपने जीवन के उद्देश्यों के प्रति स्पष्टता होनी चाहिए। हमारा जीवन न सिर्फ हमें अपितु हमसे जुड़े लोगों, संस्थाओं, समाज व राष्ट्र को प्रभावित करता है। डॉ. राव ने कहा कि आदिमानव के खाद्य उत्पादक बनने के साथ विज्ञान की व्यवस्थित यात्रा शुरू होती है लेकिन आज भी जीवन के कई अन्तर्निहित पक्ष ऐसे हैं जहां विज्ञान अनुत्तरित रह जाता है। ऐसे में हमें दार्शनिक पक्ष में कही बातों का निरंतर वैज्ञानिक अन्वेषण करते रहना चाहिए। आज के कार्यक्रमों में प्रो. (डॉ) एसएन सिंह, प्रो. (डॉ) गणेश पाटिल, डॉ सुमित, डॉ प्रज्ञा सिंह, डॉ प्रिया नायर, डॉ पीयूष वर्षा आदि की सक्रिय सहभागिता रही।
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