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    रमज़ान की रौनक : पहला रोजा अल्लाह की इबादत व तिलावत में गुजारा

    रमज़ान की रौनक : पहला रोजा अल्लाह की इबादत व तिलावत में गुजारा 

    -रमज़ान शरीफ़ का पहला रोज़ा 

    गोरखपुर। रविवार को‌ मुस्लिम समुदाय ने रमज़ान शरीफ़ का पहला रोजा अल्लाह की इबादत व तिलावत में गुजारा। रहमत के अशरे में लोगों ने अपने लिए खास दुआएं की। 

    सुबह रोजेदारों ने सहरी खायी। पुरुषों ने मस्जिदों में तो महिलाओं ने घरों में फज्र की नमाज़ अदा की। सभी ने मिलकर नबी-ए-पाक हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर दरूदो सलाम का नज़राना पेश किया। इसके बाद क़ुरआन शरीफ़ की तिलावत की गई। दोपहर में जोहर की नमाज़ अदा की गई। मस्जिदें नमाज़ियों से खचाखच भरी रही। घरों में महिलाओं ने मुसल्ला बिछाया नमाज़ अदा की, क़ुरआन शरीफ़ की तिलावत की। इसके बाद इफ्तारी की तैयारी शुरू हो गयी। लज़ीज़ व्यंजन बनने शुरु हुए। तमाम तरह की पकौड़ी, चिप्स, पापड़, चना, शर्बत, समोसे, फ्रुट चाट से दस्तरख़्वान सजने लगा। शाम को अस्र की नमाज़ पढ़ी गई। इसके बाद इफ्तारी मुकम्मल हो जाने पर मस्जिदों व पास-पड़ोस के घरों में भेजवायी गई। इफ्तार का इंतजार शुरु हुआ। सभी के हाथ दुआ में उठे। किताबों में आया है कि इफ्तार के वक्त की दुआ अल्लाह जरूर कबूल करता है। मस्जिद का डंका जैसे ही बजा। सबने अल्लाह का शुक्र अदा करते हुए रोज़ा खोला। रोज़ा खोलने के बाद मस्जिदों का रुख किया। मग़रिब की नमाज़ अदा की। फिर थोड़ा चाय नाश्ता किया। इसके बाद एशा, तरावीह व वित्र की नमाज़ अदा की गई। पहला रोजा लोगों ने अल्लाह की रज़ा में बिताया। अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगी और अपनी दिली मुरादें मांगी। 
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    मस्जिदों में रमज़ान का विशेष दर्स शुरु

    माह-ए-रमज़ान में तीस दिन तक शहर की कई मस्जिदों में चलने वाला रमज़ान का विशेष का दर्स रविवार से शुरु हो गया। जिसमें नमाज़, रोज़ा, जकात, सदका आदि के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। दर्स में हज़रत शैख़ अब्दुल कादिर जीलानी अलैहिर्रहमां की यौमे विलादत पर भी रौशनी डाली गई। मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में मुफ्ती मेराज अहमद क़ादरी, गार्डन हाउस मस्जिद जाहिदाबाद में हाफ़िज़ आरिफ़ रज़ा, चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में हाफ़िज़ महमूद रज़ा कादरी, ईदगाह रोड मस्जिद बेनीगंज में कारी शाबान बरकाती, सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाजार में हाफ़िज़ रहमत अली निज़ामी, गौसिया मस्जिद छोटे काजीपुर में मौलाना मोहम्मद अहमद निज़ामी, नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर में मौलाना मो. असलम रज़वी, सुब्हानिया जामा मस्जिद तकिया कवलदह में मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीज़ी, हुसैनी जामा मस्जिद बड़गो में मौलाना मो. उस्मान बरकाती व मस्जिद खादिम हुसैन तिवारीपुर में कारी अफ़ज़ल बरकाती दर्स दे रहे हैं।
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    रोज़े से गफलत दूर होती है : कारी शाबान

    ईदगाह रोड मस्जिद बेनीगंज के इमाम कारी मो. शाबान बरकाती ने बताया कि रोज़े से गफलत दूर होती है इसलिए बंदा अल्लाह का करीबी हो जाता है। हदीस शरीफ़ में है कि रमज़ान और क़ुरआन रोज़ेदार की शफाअत करेंगे। उन्होंने बताया कि अल्लाह तआला ने फरमाया कि बंदा रोज़ा मेरे लिए रखता है और उसकी जजा मैं दूंगा। बंदा अपनी ख्वाहिश और खाने को मेरी वजह से तर्क करता है। रोज़ादार के लिए दो खुशियां है एक इफ्तार के वक्त और एक अल्लाह से मिलने के वक्त। रोज़ा रखने से बंदा अल्लाह का करीबी बन जाता है। सहरी करना नबी की सुन्नत है लिहाजा सहरी जरूर करें। 
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    बाजार में रौनक, मोहल्ले में मेले जैसा नज़ारा

    मुस्लिम बाहुल्य इलाकों रहमतनगर, खूनीपुर, इलाहीबाग, रसूलपुर, जाफ़रा बाज़ार, गाजी रौजा, तिवारीपुर, अहमदनगर चक्शा हुसैन, पिपरापुर, उर्दू बाजार, मियां बाजार, अलीनगर, , शाह मारूफ, अस्करगंज, रसूलपुर, पुराना गोरखपुर, जाहिदाबाद, घोसी पुरवा, रसूलपुर सहित तमाम मोहल्लों में मेले जैसे माहौल नज़र आ रहा है। नखास, घंटाघर, रेती, शाह मारूफ वगैरा की फिजा देखते ही बन रही है। सेवई व खजूर, सहरी व इफ्तार दुकानें सज चुकी हैं। तरावीह की नमाज़ के बाद उन पर भीड़ उमड़ रही है। रात भर चहल पहल रह रही है।

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