पूर्वांचल की बेटी ने राजधानी दिल्ली में मनवाया लोहा, जीता ख़िताब
जानिए आखिर कौन है मिसेज इंडिया 2022
किसको मिला मिसेज इंडिया 2022 का ताज
रसोई का जिम्मा, गंवई संस्कृति और मिसेज इंडिया का ताज
- पूर्वांचल की बेटी ने राजधानी दिल्ली में मनवाया लोहा, जीता ख़िताब
- गोरखपुर के भस्मा, डंवरपार की डॉक्टर रागिनी पाण्डेय को विविध क्षेत्रों में सेवा के लिए मिला सम्मान
- पति डॉक्टर सौरभ पाण्डेय ख्यातिलब्ध समाजसेवी और धराधाम इंटरनेशनल के प्रमुख हैं।
आमतौर पर जब सामाजिक विकास की चर्चा होती है तो क्षेत्र विशेष की शख्सियतों का उल्लेख होता है। उनकी भूमिका का वृहद रेखांकन भी होता है। इसमें गृहणियों के योगदान का जिक्र प्रायः नहीं होता उल्टा उन्हें हाशिए का समझकर मुख्यधारा में शामिल करने पर विमर्श होता है लेकिन गोरखपुर की एक महिला ने यह धारणा तोड़ दी है। मिसेज इंडिया -2022 का ख़िताब जीतकर डॉक्टर रागिनी पाण्डेय देश - दुनियां की घरेलू महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं।
जिले के भस्मा, डंवरपार की निवासी रागिनी ने पारिवारिक दायित्वों और चूल्हा-चौका की जिम्मेदारी निभाते हुए गंवई संस्कृति को अपनाकर भी मिसेज इंडिया का ताज अपने नाम कर लिया। वह बताती हैं कि मिसेज इंडिया का प्रतियोगिता कराने वाली संस्था इसमें प्रतिभाग करने वाली विवाहित महिलाओं की सुंदरता, उनकी प्रतिभा, नृत्य, गीत तथा सामाजिक कार्यों का आंकलन अपनी टीम से करवाती है। उसके बाद प्रदेश स्तरीय ऑडीशन होता है। जिसमें चयनित महिलाओं को फाइनल में प्रस्तुति देनी पड़ती है। रागिनी पाण्डेय को नाइजीरिया की प्रतिष्ठित संस्था डी. पी.आर. यम. आई.के प्रमुख डॉ. चार्ल्स इभोरिया द्वारा सामाजिक व पर्यवारण संरक्षण की दिशा में विशेष योगदान के लिए ऑनरेरी डॉक्टरेट की उपाधि दी गई। नई दिल्ली में मिसेज इंडिया - 2022 प्रतियोगिता का आयोजन 'लवीस्टाइल प्रोडक्शन एंड मॉडलिंग सर्विस' ने किया था। डॉ. रागिनी की ताजपोशी मिसेज इंडिया पूजा निगम एवम लवि राज द्वारा किया गया।रागिनी पाण्डेय का जन्म खजनी क्षेत्र के गांव पलहीपार में हुआ। शिक्षा डॉ.राम मनोहर लोहिया महाविद्यालय महावीरछपरा से पूरी हुई। इनके पिता का नाम राम गिरीश त्रिपाठी ,माता श्रीमती गायत्री देवी एवम भाई आशुतोष शुक्ला हैं।
रागिनी के पति ऑनरेरी डॉ. सौरभ पाण्डेय धराधाम इंटरनेशनल के प्रमुख हैं। उनके पिता श्री सोमनाथ पाण्डेय कृषक है।उनके भाई सविनय, अवनीश एवम समीर उनके कार्यो में हाथ बटाते रहते है।वे सामाजिक फ़िल्म निर्माता एवं दैनिक स्वतंत्र जनमित्र के प्रबंध संपादक भी हैं। डॉक्टर रागिनी को देश के अलावा विदेशों से भी कई सम्मान मिल चुके हैं। वह कहती हैं कि जब मैंने समाज सेवा के क्षेत्र में कदम रखा तो इतनी बड़ी सफलता के बारे में सोचा भी नहीं था। सेवा का जो भाव आज मेरे मन में है। वही पहले भी था। मैं अपना काम करती गई और संस्थाओं ने उसका मूल्यांकन किया। फलस्वरूप आज सफलता के इस मुकाम पर हूं। अपने जैसी घरेलू महिलाओं को कहना चाहती हूं कि हर काम पूरे मनोयोग से करें। जीवन का एक लक्ष्य बनाएं। इसके बाद आपको यश और कीर्ति दोनों प्राप्त होगी।डॉ. रागिनी अपनी बेटी स्वेतिमा एवम सौराष्ट्र की देखभाल करते हुए सामाजिक कार्यो को करती रहती है।
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