परमेश्वरपुर ग्राम पंचायत में पशु पालन का बुरा हाल भूखों मर रहे बेजुबान
गोरखपुर
*परमेश्वरपुर ग्राम पंचायत के गौशाला का बुरा हाल,भूख से मर रहे बेजुबान* सहजनवा गोरखपुर बांसगांव सन्देश।प्रदेश सरकार गोवंशों की सुविधा के लिए भले ही करोड़ों रुपये खर्च करती आ रही हो, लेकिन स्थानीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते सरकार की छवि को खुलेआम धूमिल किया जा रहा है। हरपुर बुदहट क्षेत्र के परमेश्वरपुर स्थित गौशाला का बुरा हाल है यहां पशु इतना कमजोर हो गए है कि ठीक से खड़े भी नही हो पा रहे है। ग्रामीणो के मुताबिक यहाँ रोज पशुओ की मौत हो रही है। बताते चले कि परमेश्वरपुर के चंदहा में वितीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा और राज्य वित्त से लाखों रुपये खर्च कर 55 पशुओ की क्षमता वाला अस्थाई गोशाला बनाया गया। जिसमें टिन शेड दो जगहों पर नाद,भूसा घर, सीमेंटेड पानी की टँकी लगाया गया लेकिन पशुओ के खाने वाले नाद में कुर्सी सहित अन्य सामान रखे हुए है। पशुओ को सुखा भूसा दिया जा रहा है। दो जगहों पर टिन शेड के पण्डाल फट गए है। वही कई पशु भूख की वजह से उठ भी नही पा रहे है। गन्दगी का अंबार लगा हुआ है। पर्याप्त जगह होने के बाद भी बछड़ो को हरा चारा नही मिल पा रहा है। अब यहां मात्र 23 पशु बचे है। *गोवंश केंद्र पर दो केयरटेकर है तैनात* गोवंश केंद्र पर दो केरटेकर हवलदार और छेदीलाल तैनात है। जिनको ग्राम पंचायत से 6 -6 हजार प्रति महीना मानदेय मिलता है। केंद्र के चारो तरफ ऊसर बंजर भूमि है। और नाला भी ग्रामीणो के मुताबिक यहां पशु मरते है और केयरटेकर उन्हें ठेले पर लादकर नाले में गिरा देते है। गाव के बाहर होने से केंद्र पर कोई जाता भी नही है। इस सम्बंध में सहजनवा तहसीलदार केशव प्रसाद का कहना है कि गोवंश केंद्र पर दुर्बयवस्था गम्भीर प्रकरण है। जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी।
*परमेश्वरपुर ग्राम पंचायत के गौशाला का बुरा हाल,भूख से मर रहे बेजुबान* सहजनवा गोरखपुर बांसगांव सन्देश।प्रदेश सरकार गोवंशों की सुविधा के लिए भले ही करोड़ों रुपये खर्च करती आ रही हो, लेकिन स्थानीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते सरकार की छवि को खुलेआम धूमिल किया जा रहा है। हरपुर बुदहट क्षेत्र के परमेश्वरपुर स्थित गौशाला का बुरा हाल है यहां पशु इतना कमजोर हो गए है कि ठीक से खड़े भी नही हो पा रहे है। ग्रामीणो के मुताबिक यहाँ रोज पशुओ की मौत हो रही है। बताते चले कि परमेश्वरपुर के चंदहा में वितीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा और राज्य वित्त से लाखों रुपये खर्च कर 55 पशुओ की क्षमता वाला अस्थाई गोशाला बनाया गया। जिसमें टिन शेड दो जगहों पर नाद,भूसा घर, सीमेंटेड पानी की टँकी लगाया गया लेकिन पशुओ के खाने वाले नाद में कुर्सी सहित अन्य सामान रखे हुए है। पशुओ को सुखा भूसा दिया जा रहा है। दो जगहों पर टिन शेड के पण्डाल फट गए है। वही कई पशु भूख की वजह से उठ भी नही पा रहे है। गन्दगी का अंबार लगा हुआ है। पर्याप्त जगह होने के बाद भी बछड़ो को हरा चारा नही मिल पा रहा है। अब यहां मात्र 23 पशु बचे है। *गोवंश केंद्र पर दो केयरटेकर है तैनात* गोवंश केंद्र पर दो केरटेकर हवलदार और छेदीलाल तैनात है। जिनको ग्राम पंचायत से 6 -6 हजार प्रति महीना मानदेय मिलता है। केंद्र के चारो तरफ ऊसर बंजर भूमि है। और नाला भी ग्रामीणो के मुताबिक यहां पशु मरते है और केयरटेकर उन्हें ठेले पर लादकर नाले में गिरा देते है। गाव के बाहर होने से केंद्र पर कोई जाता भी नही है। इस सम्बंध में सहजनवा तहसीलदार केशव प्रसाद का कहना है कि गोवंश केंद्र पर दुर्बयवस्था गम्भीर प्रकरण है। जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी।
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