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    भक्ति से शक्ति प्राप्त होती है ।राघव ऋषि



    गोलाबाजार गोरखपुर 9 जून


     जीव प्रभु की भक्ति करता है तो उसे शक्ति मिलती है उक्त उद्गार पी एच इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल कुशलदेईया उरुवा में चल रही सप्त दिवसीय संगीत मयी श्री मद भागवत कथा के चौथे दिन बनारस से पधारे पूज्य राघव ऋषि जी कथा श्रवण करने आये अपार जनसमूह को सुनाते हुए कही।

    आगे उन्होंने कहा कि यदि जीव पूरी निष्ठा से प्रभु की भक्ति करता है तो वह बलि बनता है एवं उस पर कृपा करने के लिए भगवान स्वयं वामन के रूप में पधारते हैं परमात्मा जब द्वार पर पधारते हैं तो तीन कदम पृथ्वी अर्थात तन मन धन जीव से मांगते हैं तन से सेवा मन से सुमिरन धन से सेवा जो बलि की भांति करता है भगवान उसके द्वारपाल बनते हैं । और वही अक्षुण्य साम्राज्य को प्राप्त करता है ।श्री राम चरित्र की चर्चा करते हुए ऋषि जी ने कहा भगवान ने दो पूर्ण अवतार लिए हैं सूर्य व चंद्र नवग्रहों के राजा हैं अतः सूर्यवंश में राम के रूप में व चंद्र वंश में प्रभु कृष्ण ने अवतार लिया जब तक राम नहीं आते तब तक कन्हैया भी नहीं आता।  परीक्षित के आत्म शुद्धि के लिए राम को मन की शुद्धि के लिए कन्हैया की कथा को सुनाया ।राम  जैसी मर्यादा का पालन करोगे तो तुम्हें तुम्हारे मन का मोह रूपी रावण मरेगा ।तभी कृष्ण पधारते  हैं ।भगवान ने केवट को बिना मांगे विमल भक्ति का वरदान दिया ।भरत जैसा समर्पण जीवन में होगा तो उसेअक्षुण्य यश की प्राप्ति होगी ।हनुमान जी ने भगवान की दास्य भाव से सेवा की ।सेवा में धन नहीं मन ही मुख्य है।  हनुमान जी ने भगवान को समर्पित भाव से सेवा करके उन्हें अपना ऋणी बनाया। भक्ति ऐसी करो कि भगवान तुम्हारे ऋणी बने ।राम जी ने दिब्य राम राज्य किया ।जो आज तक कल्पना से परे है। कथा क्रम को आगे बढ़ाते हुए कृष्ण चरित्र को प्रारंभ कर पूज्य ऋषि जी ने क्या यह कथा मन को पवित्र बनाती है। संसार को छोड़ना नहीं है ।किंतु सांसारिक वृत्तियों को भुलाना है। कथाअपने दोष का भान कराती है। कथा श्रवण करते करते आंसू निकले तभी मानो कि  तुमने कथा सुनी है सांसारिक बंधनों से मुक्ति करने वाली यह कथा है जिसे सुनकर असीम आनंद की अनुभूति होती है । गंगा में स्नान करने से शरीर और कृष्ण कथा से स्नान करने से मन की शुद्धि होती है ।कंस के अत्याचार और पाप के कारण भगवान ने अवतार लिया ।मनुष्य को उसका पाप ही मारता है ।हमेशा दो वस्तुओं से डरो ईश्वर और पाप से। श्री कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर बालकृष्ण का दर्शन करके समस्त श्रद्धालु भक्त गण पुष्प वृष्टि व नित्य करने लगे। सौरभ ऋषि जी ने ब्रज में हो रही जय जयकार भजन की प्रस्तुति दिया।तो पूरा पंडाल ब्रज बन गया।कथा  के अंत मे आयोजक मुख्य यजमान मनोज उमर संगीत गुप्ता गायत्री देवी अनन्या अभिनव आदि ने आरती किया।

    इस अवसर पर विद्यालय परिवार के समस्त स्टाफ गाँव व क्षेत्र के सभ्रांत लोगो ने  बड़ी संख्या में उपस्थित होकर कथा का श्रवण किया।

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