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    जीवन जीने का अनुशासन है योग: प्रो. संगीता पाण्डेय

    जीवन जीने का अनुशासन है योग: प्रो. संगीता पाण्डेय
    *दी.द.उ. गोविवि के समाजशास्त्र विभाग में आयोजित हुआ योग का कार्यक्रम*

    दी.द.उ. गोरखपुर विश्वविद्यालय में मनाए जा रहे अमृत योग सप्ताह के अंतर्गत समाजशास्त्र विभाग में प्रातः 8 बजे से 9.30 बजे से तक आसन एवं योग प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । 
    कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाजशास्त्र विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर संगीता पाण्डेय ने विद्यार्थियों को संबोधित किया और कहा कि योग सिर्फ सीखने की प्रक्रिया नहीं है, यह जीवन जीने का अनुशासन भी है जिससे हम आन्तरिक एवं बाह्य दोनों रूप से स्वस्थ रहें। योग से कार्यक्षमता बढ़ती है और शरीर भी पूर्णरूपेण स्वस्थ रहता है। योग भारत देश द्वारा दुनियां को दिया गया  सबसे अनुपम उपहार है। आज विश्व के सभी देश योग के संदर्भ में भारत का अनुशरण कर रहे हैं। कार्यक्रम को डॉ मनीष पाण्डेय ने भी संबोधित किया।

    समाजशास्त्र विभाग के चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र शुभम दूबे के निर्देशन में आसन एवं योग प्रशिक्षण का कार्यक्रम आरंभ हुआ। कार्यक्रम में एम ए द्वितीय वर्ष के छात्र एवं छात्राओं गौरव मिश्रा, अभिषेक जयसवाल, अंकित मिश्रा, सौरभ त्रिपाठी, आशुतोष प्रजापति, मुकेश निषाद, बबली कनौजिया, कुमारी अंकिता, नीलू, तनु गुप्ता, नितीश राणा, शिवानी राज, हर्षिता सिंह, दीक्षा यादव आदि उपस्थित रहें। शोध छात्रों में मंतोष कुमार यादव, सुधीर कुमार, देवेन्द्र कुमार आदि मौजूद रहे।

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