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    यूनिसेफ की बैठक में कोविड से बचाव व टीकाकरण में संस्थाओं से सहयोग के लिए सीएमओ गोरखपुर ने की अपील

    यूनिसेफ की बैठक में कोविड से बचाव व टीकाकरण में संस्थाओं से सहयोग के लिए सीएमओ गोरखपुर ने की अपील 

    समुदाय आधारित संगठनों की बैठक में सीएमओ ने की अपील कोविड व्यवहार अपनाने, कोविड व नियमित टीकाकरण के लिए प्रेरित करे उक्त बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने कहीं ।वह यूनिसेफ संस्था और एलाइंस फॉर इम्यूनाइजेशन एंड हेल्थ ड्रिस्ट्रिक्ट (एआईएच) के सहयोग से आयोजित एक दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यशाला को बतौर अध्यक्ष संबोधित कर रहे थे।


    नवभारत ट्रस्ट के विक्रमादित्य नारायण सिंह ने कहा कि - चिकित्सक संगठनों और चिकित्सकों का समुदाय पर गहरा प्रभाव होता है । अगर हम लोग समुदाय को कोविड व्यवहार अपनाने, कोविड टीकाकरण करवाने और नियमित टीकाकरण के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे तो समाज की सुरक्षा हो सकेगी। तभी दिव्यांगजन जोकि स्वास्थ्य केंद्रों तक नहीं आ सकते हैं उनके घरों पर जाकर मोहल्लों में कैंप लगा लगा कर उन्हें वैक्सीनेटेड करने का हम सभी को प्रण लेना चाहिए । इसमें हम सभी बहुत पहले से सेवा कार्य कर रहे हैं ,हम सभी का दायित्व है कि कोविड से बचाव के अभियान का हिस्सेदार बनें और टीकाकरण में सहयोग करें। 

      कार्यशाला का आयोजन कोविड व्यवहार, कोविड टीकाकरण एवं नियमित टीकाकरण के संबंध में सीएमओ कार्यालय के प्रेरणा श्री सभागार में, गोरखपुर, 17 जून 2022 शुक्रवार को किया गया ।

    सीएमओ ने कहा कि लोगों को प्रेरित करें कि घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाएं । बाहर से आने वालों की कोविड जांच करवाएं । अगर कोविड के लक्षण जैसे सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में खराश आदि दिखे तो किसी भी सरकारी अस्पताल पर जाकर निःशुल्क जांच करवाएं । हाथों की स्वच्छता व कोविड नियमों का विशेष तौर पर ध्यान रखें। तंबाकू, शराब आदि का सेवन न करें और विटामिन सी एवं विटामिन डी का सेवन करें । लोगों को बताया जाए कि कोविड टीके की दूसरी डोज के ठीक नौ माह बाद प्रिकाशनरी डोज लेना अनिवार्य है । 
    उन्होंने कहा कि संगठनों के जरिये लोगों को बताया जाए कि नियमित टीकाकरण के अंतर्गत पांच साल में सात बार टीकाकरण करवाना अनिवार्य है । यह टीके 12 प्रकार की बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। टीबी, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया, टिटनेस, मिजिल्स, परट्यूटिस (काली खांसी), रूबेला, जेई (दिमागी बुखार), निमोनिया, वायरल डायरिया और इंफ्लूएंजा से बचाने में टीकों की भूमिका अहम है।  निजी अस्पतालों में जहाँ इन बीमारियों से बचाव के लिए महंगे दामों पर टीके लगवाने पड़ते हैं वहीं सरकारी अस्पतालों में यह टीके पूरी तरह से निःशुल्क हैं । सीएमओ ने निजी अस्पतालों से संस्थागत प्रसव व टीकाकरण की रिपोर्टिंग करने को कहा और साथ ही टीबी मरीजों को गोद लेने की भी अपील की ।

    कार्यक्रम के दौरान यूनिसेफ के डीएमसी डॉ हसन फहीम, यूएनडीपी के ड्रिस्ट्रिक्ट कोल्ड चेन मैनेजर पवन सिंह, उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल, नागरिक सुरक्षा के डिप्टी कंट्रोलर सत्यप्रकाश सिंह और चाई संस्था के प्रतिनिधि दिलीप गोविंद राव ने भी अपनी प्रस्तुति दी । इस अवसर पर एसीएमओ डॉ एके प्रसाद, आब्स एंड गाइनकलॉजिस्ट एसोसिएशन से डॉ. अमृता जयपुरियार, चिकित्सक डॉ. अजय देवकुलियार, नेत्ररोग विशेषज्ञ डा.कीर्ति मित्तल, दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. सुश्रेया तिवारी, डॉ. प्रमिला निषाद, यूनिसेफ की डीएमसी नीलम यादव, एआईएच संस्था की डीसी प्रियंका सिंह, महिला अस्पताल से अमरनाथ जायसवाल, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. मुमताज खान, अल्पाइन फाउंडेशन की सचिव अमृता राव, रश्मि सिंह, प्रवीण श्रीवास्तव नवभारत ट्रस्ट के विक्रमादित्य जी समेत दर्जनों संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे ।

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