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    ईद-उल-अजहा पर्व के दूसरे दिन भी हुई कुर्बानी

    ईद-उल-अजहा पर्व के दूसरे दिन भी हुई कुर्बानी

    गोरखपुर। ईद-उल-अज़हा पर्व के दूसरे दिन सोमवार को मुस्लिम घरों में बकरा व चिह्रित सामूहिक कुर्बानी स्थलों पर भैंस व पड़वे की कुर्बानी की गई। सुबह से शुरू हुआ कुर्बानी का सिलसिला शाम तक चला। पहले दिन की अपेक्षा दूसरे दिन कुर्बानी कम हुई। मंगलवार को कुर्बानी का आखिरी दिन है। 

    मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार, अस्करगंज, रहमतनगर, तुर्कमानपुर, बक्शीपुर, जाफरा बाजार आदि जगहों पर सामूहिक कुर्बानी हुई। कुर्बानी के बाद गोश्त के तीन हिस्से किए गए। एक हिस्सा गरीबों में, एक हिस्सा पास-पड़ोस व रिश्तेदारों में भिजवाया गया। एक हिस्सा स्वयं के लिए रखा गया। सामूहिक कुर्बानी स्थलों पर दूर-दराज, गांव-देहात से आए लोग जुटे रहे, जिन्हें कुर्बानी का गोश्त दिया गया। कुर्बानी के जानवर का चमड़ा मदरसों में दिया गया। इसी चमड़ा, जकात व सदका-ए-फित्र से मदरसों में शिक्षा हासिल करने वाले बच्चे के रहने, खाने-पीने का इंतजाम होता है। शहर के विभिन्न मदरसों के शिक्षक सोमवार को भी कुर्बानी का चमड़ा जमा करने में व्यस्त रहे। वहीं मुस्लिम घरों में मेहमान नवाज़ी व दावतों का दौर जारी है। लजीज व्यंजनों से मेहमानों का इस्तकबाल किया जा रहा है। होटलों से बाकरखानी, शीरमाल, बटर नान रोटी की बिक्री हो रही है। मस्जिदों में हर फर्ज नमाज के बाद बुलंद आवाज से तकबीरे तशरीक पढ़ी जा रही है। जिसका सिलसिला बुधवार की असर नमाज तक चलेगा। जानकारों के मुताबिक इस साल कुर्बानी पिछले साल की तुलना में अधिक हुई है। अल्लाह की रज़ा के लिए कुर्बानी कर बंदे, अल्लाह का शुक्र अदा कर रहे हैं।

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