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    डॉक्टरेट इन आर्ट' की मानद उपाधि से नवाज़े जाएंगे ख्याति लब्ध अभिनेता 'राजपाल यादव

    'डॉक्टरेट इन आर्ट' की मानद उपाधि से नवाज़े जाएंगे ख्याति लब्ध अभिनेता 'राजपाल यादव


    सौहार्द शिरोमणि डॉ. सौरभ पाण्डेय के  प्रस्ताव पर राजपाल को मिलेगी यह उपाधि
    - झीलों की नगरी भोपाल में अमेरिकन यूनिवर्सिटी 24 जुलाई को देगी अभिनेता 'राजपाल यादव' को यह सम्मान 
    -36 वर्षो से निर्बाध अपने कला के जरिए ख्यातिलब्ध अभिनेता लोगों के चेहरों पर बिखेर रहे हैं मुस्कान 


    बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता राजपाल यादव को 'डॉक्टरेट इन आर्ट' की मानद उपाधि आगामी 24 जुलाई को दी जाएगी। यह सम्मान उनके द्वारा तीन दशक से ऊपर देश-विदेश के लोगों के चेहरे पर अपने कला के माध्यम से मुस्कान लाने, ज्ञानवर्धन अभिनय प्रशिक्षण तथा मानव सेवा के लिए उन्हें इंटरनेशनल ओपेन यूनिवर्सिटी कैल्फोर्निया अमेरिका द्वारा भोपाल में आयोजित दीक्षांत समारोह में प्रदान किया जाएगा। यह उपाधि धराधाम इंटरनेशनल प्रमुख सौहार्द शिरोमणि ऑनरेरी प्रोफेसर डॉ. सौरभ पाण्डेय के प्रस्ताव पर दी जा रही है। इसकी जानकारी यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष डॉ. जसवीर सिंह, कुलाधिपति डॉ. दिवाकर चन्द सरकार एवं वैक पीपुल कॉउन्सिल के संस्थापक  डॉ.विजय डी बजाज की ओर से एक मेल के जरिए दी गयी।
           विदित हो कि राजपाल यादव हिन्दी फिल्मों के ख्यातिलब्ध तथा बहुआयामी व्यक्तित्व के ऐसे  अभिनेता हैं जो सिनेमा में अपने कॉमिक रोल्स के कारण जाने जाते हैं। साथ ही वे गंभीर अभिनय, सामाजिक, मानवीय संवेदना से परिपूर्ण समाज को नई दिशा देने वाले नायक के रूप में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात हैं। राजपाल का जन्म उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के निकट स्थित शाहजहांपुर में हुआ था। उनकी स्कूली पढ़ाई शाहजहांपुर से ही हुई थी। वे यहीं थियेटर से भी जुड़े। जहां कई नाटकों की प्रस्तुति की। इसके बाद 1992-94 के दौरान  लखनऊ के भारतेंदु नाट्य एकेडमी में थियेटर सम्बन्धी प्रशिक्षण के लिए आ गए। दो साल का कोर्स करने के बाद 1994-97 के दौरान वे दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा चले गए। वर्ष 1997 में वे भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में अपना करियर बनाने के लिए मुंबई आ गए। राजपाल की शादी राधा यादव से हुई है। उन्होंने दूरदर्शन के धारावाहिक मुंगेरी के भाई नौरंगीलाल में अभिनय किया। यह दूरदर्शन पर  प्रसारित होने वाले सीरियल मुंगेरीलाल के हसीन सपने का ही सीक्वेल था। वे निगेटिव रोल्स करने में भी सफल हुए लेकिन बाद में कॉमेडी को ही ज्यादा तवज्जो दी, जैसा कि उन्होंने 'प्यार तूने क्या किया' में अभिनय किया। इसके बाद वे हिन्दी फिल्मों के प्रमुख हास्य कलाकार बन गए। हंगामा, रेस अंगेस्ट टाइम, चुप-चुप के, गरम मसाला, फिर हेराफेरी, ढोल जैसी फिल्मों में जबरदस्त अभिनय से दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी। 
          कॉमेडी के अलावा राजपाल यादव ने कई फिल्मों में अग्रणी अभिनेता के तौर पर चरित्र अभिनय भी किया। मिशाल के तौर पर, 'मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं, लेडीज टेलर, रामा रामा क्या है ड्रामा, हेलो!हम लल्लन बोल रहे हैं, कुश्ती, मिर्च, 'मैं, मेरी पत्नी और वो' सारीखी फ़िल्में शामिल हैं। फिल्म जंगल में निभाए गए निगेटिव रोल के लिए उन्होंने सैन्सुई स्क्रीन बेस्ट एक्टर अवार्ड जीता। इसके अतिरिक्त स्क्रीन के बेस्ट एक्टर अवार्ड के लिए भी उन्हें नामांकित किया गया। 'मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं' के लिए उन्हें यश भारती अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है।
           'दिल क्या करे, मस्त, शूल, जंगल, प्यार तूने क्या किया, कोई मेरे दिल से पूछे, तुमको ना भूल पाएंगे, कंपनी, हम किसी से कम नहीं, चोर मचाए शोर, एक और एक ग्यारह, द हीरोः लव स्टोरी ऑफ ए स्पाई, हंगामा, मुझसे शादी करोगी, क्या कूल हैं हम, मैंने प्यार क्यों किया, अपना सपना मनी मनी, मालामाल वीकली, भागमभाग, अंडरट्रायल, पार्टनर, ढोल, भूलभुलैया, क्रेजी-4, भूतनाथ, मेरे बाप पहले आप, सी कंपनी, बिल्लू, दे दनादन, कुश्ती, खट्टा मीठा, पुलिसगिरी, रंगरेज, क्रिश-3, मैं तेरा हीरो' भी इनकी प्रसिद्ध फ़िल्में रहीं। अर्ध उनकी कलात्मक फ़िल्म है। जिसकी काफी सराहना हुई। इस फ़िल्म ने लोगों के मन-मस्तिष्क को झकझोर कर रख दिया।

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