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    सुदृढ़ की जा रही है एंबुलेंस संचालन की व्यवस्था

    *सुदृढ़ की जा रही है एंबुलेंस संचालन की व्यवस्था*

    गोरखपुर शहर में ग्रीन कॉरीडोर की व्यवस्था और मजबूत की जाएगी

    जीवीके-ईएमआरआई संस्था के दस जिलों के प्रबंधन से जुड़े लोग प्रशिक्षित किये गये

    *गोरखपुर, 17 जुलाई 2022*

    102 और 108 नंबर एंबुलेंस के संचालन की व्यवस्था सुदृढ़ की जा रही है। इसी कड़ी में एंबुलेंस का संचालन कर रही संस्था जीवीके-ईएमआरआई के दस जिलों के प्रबंधन से जुड़े लोगों को सीएमओ कार्यालय के प्रेरणा श्री सभागार में शनिवार को प्रशिक्षित किया गया । प्रशिक्षण कार्यक्रम में गोरखपुर शहर के एसपी ट्रैफिक डॉ एमपी सिंह भी पहुंचे और उन्होंने आश्वस्त किया कि संस्था की तत्परता और सहयोग से ग्रीन कॉरीडोर की व्यवस्था और मजबूत की जाएगी ।

    एसपी ट्रैफिक ने संस्था के लोगों से अपेक्षा की कि जब भी गोरखपुर शहर के लिए गंभीर मरीज के साथ कोई एंबुलेंस रवाना हो तो रवानगी के दस मिनट पहले ही कंट्रोल रूम को वाट्स एप और इसके बाद फोन कॉल के जरिये सूचित किया जाए । इससे ट्रैफिक पुलिस और संबंधित थानाक्षेत्र ग्रीन कॉरीडोर तैयार कर देंगे। साथ ही संबंधित एंबुलेंस पर पहचान का फ्लैग भी लगा दिया जाए ताकि जब वह वाहन गुजरे तो पता चल सके कि जिस एंबुलेंस के लिए कॉरीडोर बनाया गया है वह गुजर गया है । शहर में दाखिल होने वाले किसी भी जिले के सरकारी एंबुलेंस को यह सुविधा प्रदान की जाएगी। ट्रैफिक इंस्पेक्टर मनोज राय द्वारा यह भी बताया गया कि अगर सड़क का एक लेन जाम है तो सरकारी एंबुलेंस विपरीत लेन में भी जा सकती है और ऐसा करने से कोई विधिक कार्यवाही नहीं होगी ।

    गोरखपुर, बस्ती, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, देवरिया, मऊ, आजमगढ़ और बलिया जिलों से आए संस्था के प्रोग्राम मैनेजर्स और इमर्जेंसी मेडिकल एक्जीक्यूटिव (ईएमई) को हैदराबाद से आए मुफीदुर रहमान, डॉ शिव कुमार वडवेल और धर्मेंद्र ने प्रशिक्षित किया । सभी लोगों से कहा गया है कि एंबुलेंस सुविधा का ज्यादा से ज्यादा प्रचार करें। खासतौर से समुदाय में यह संदेश दें कि 108 नंबर सेवा का इस्तेमाल करने से मरीज को पिक अप करने के साथ ही उपचार शुरू हो जाता है और उसकी जान बचाना आसान हो जाता है। यह भी बताएं कि निजी वाहन की तुलना में 102 नंबर एंबुलेंस से गर्भवती को ले जाना श्रेयस्कर है क्योंकि ऐसा करने से आपात स्थिति में एंबुलेंस में सुरक्षित प्रसव की सुविधा उपलब्ध है।

    इस मौके आपरेशनल हेड निखिल रघुवंशी, क्षेत्रीय समन्वयक जगदीश्वर पांडेय, सुमित प्रताप सिंह, अनुराग पांडेय, गोरखपुर के प्रोग्राम मैनेजर प्रवीण कुमार द्विवेद्वी प्रमुख तौर पर मौजूद रहे । प्रशिक्षण सत्र देर शाम तक आयोजित किया गया । गोरखपुर के प्रोग्राम मैनेजर ने बताया कि शीघ्र ही इमर्जेंसी मेडिकल टेक्निशियन (ईएमटी) और पॉयलट का भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होगा।

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