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    कुर्बानी के जानवर में ऐब नहीं होना चाहिए : मुफ्ती मेराज

    कुर्बानी के जानवर में ऐब नहीं होना चाहिए : मुफ्ती मेराज

    -कुर्बानी दर्स का तीसरा दिन

    गोरखपुर। रविवार को मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती में कुर्बानी पर जारी दर्स के तीसरे दिन मुफ्ती मेराज अहमद क़ादरी ने कहा कि भेड़, बकरा-बकरी, दुम्बा सिर्फ एक आदमी की तरफ से एक जानवर होना चाहिए और भैंस, ऊंट में सात आदमी शिरकत कर सकते हैं जबकि उन सबकी नियत कुर्बानी की हो। कुर्बानी और अकीका की शिरकत हो सकती है। कुर्बानी के जानवर में एेब नहीं होना चाहिए। अगर थोड़ा सा एेब हो तो कुर्बानी हो जाएगी मगर मकरुह होगी और ज्यादा हो तो कुर्बानी होगी ही नहीं। अंधे जानवर की कुर्बानी जायज नहीं, इतना कमजोर जिसकी हड्डियां नजर आती हो और लंगड़ा जो कुर्बानीगाह तक अपने पांव से जा न सके और इतना बीमार जिसकी बीमारी जाहिर हो जिसके कान या दुम तिहायी से ज्यादा कटे हों इन सबकी कुर्बानी जायज नहीं। कुर्बानी को लेकर सोशल मीडिया पर मजाकिया मैसेज से सख्ती के साथ खुद भी बचें और दूसरों को भी बचाएं। कुर्बानी करते या करवाते समय वीडियो व फोटो न बनाएं। वीडियो व फोटो से सख्ती के साथ बचें। कुर्बानी इबादत है इसमें नुमाइश न करें। वहीं मदरसा जामिया कादरिया तजवीदुल क़ुरआन लिल बनात अलहदादपुर में कुर्बानी पर महिलाओं की महफ़िल तीसरे दिन भी जारी रही।

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