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    फसलों को सुखता देख किसानों की बढी चिंताएं

    गोरखपुरफसलों को सूखता देख, किसानों की बढ़ी चिंताएं सहजनवा गोरखपुर बांसगांव सन्देश।महंगे डीजल की सहायता से की गई धान की रोपाई आलम यह है कि वह तेज धूप व शुष्क मौसम की भेंट चढ़ रहा है । अपनी फसलों को सूखता देखकर किसानों की चिंताएं बढ़ गई है । उनके समझ में नहीं आ रहा है कि फसलों को अब किस प्रकार बचाएं । कृषि प्रधान देश की खेती अब भी मौसम की बारिश पर ही निर्भर है । फसलों को लेकर किसानों की सबसे ज्यादे चुनौती पानी को लेकर होती है । जमीन से यदि पानी निकाला जाए, तो उन्हें माहंगे डीजल की मार झेलनी पड़ती है। किसान सुभाष पाण्डेय, रंगनाथ पाण्डेय, मौलू पाण्डेय, विद्यानंद पाण्डेय, रामबचन चौरसिया,राम अचल चौरसिया, विद्यानंद, राम आसरे चौधरी, पंकज चौधरी, सुजीत प्रसाद,धीरज पाण्डेय समेत अन्य किसानों का कहना है कि- यदि फसल पूरी तरह तैयार हो चुकी है और मौसम करवट भी ले लिया, तो डीजल की सहायता से उसे आखिरी चरण तक पहुंचा सकते हैं। परंतु शुरुआत में यदि मौसम साथ छोड़ दिया,तो फसल नहीं बच सकती । 15 जून से होने वाली बारिश दो पखवाड़े बाद भी नहीं हुई है । फसलें सूख रही हैं, खेत में बड़े-बड़े दरारे पड़ गए हैं। किसान पंपिंग सेट की सहायता से उसे बचाने में जद्दोजहद कर रहा है। उक्त- संदर्भ में एडीओ एग्रीकल्चर के ब्लॉक प्रभारी ध्रुव कुशवाहा से बात की गई, तो उन्होंने किसानों की चिंताएं जायज है । खेत की रोपाई के बाद यदि उसकी नमी पूरी तरह चली जाती है, तो उसका असर फ़सल की पैदावार पर भी पड़ना तय है। शुष्क मौसम खरीफ की फसल के लिए नुकसान देय होता है।

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