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    दस्तक पखवाड़ा शुरू, घर-घर पहुंचेंगी आशा व आंगनबाड़ी

    *दस्तक पखवाड़ा शुरू, घर-घर पहुंचेंगी आशा व आंगनबाड़ी

    सेहत से जुड़े छह प्रमुख बिन्दुओं पर देंगी ध्यान 

    समुदाय की मदद से बीमारियों की पहचान व बचाव होगा आसान

    31 जुलाई तक घर-घर और घर के भीतर भी जाएंगी आशा

    *गोरखपुर, 17 जुलाई 2022*

    जिले में दस्तक पखवाड़ा शनिवार से शुरू हो गया। आगामी 31 जुलाई तक चलने वाले इस अभियान में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर  जाकर लोगों के सेहत से जुड़े छह महत्वपूर्ण काम करेंगी । आशा कार्यकर्ता घर के भीतर जाकर मच्छरों के प्रजनन स्रोत की पहचान और उन्हें नष्ट करवाने का भी काम करेंगी | पिछले विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान में जिन घरों में मच्छरों के प्रजनन स्रोत पाए गये थे, वहां विशेष जोर होगा। अभियान  घर-घर भ्रमण  कार्यक्रम में समुदाय की तरफ से भी सक्रिय सहयोग मिले तो मौसमी एवं संचारी बीमारियों की पहचान, उनसे बचाव और उनके निदान की राह आसान हो जाएगी।

    मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि दस्तक पखवाड़े की टीम हाई ग्रेड फीवर (तेज बुखार)के मरीजों को चिन्हित कर उन्हें अस्पताल भिजवाएंगी। इनफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) और सीवियर एक्युट रैस्पिरेटरी इंफैक्शन (सारी) के लक्षणयुक्त मरीजों को कोविड का किट देंगी और कोविड जांच के लिए प्रेरित करेंगी । जिन लोगों में दो सप्ताह से लगातार खांसी व बुखार के लक्षण मिलेंगे उन्हें टीबी जांच के लिए प्रेरित किया जाएगा । कुपोषण के लक्षण वाले बच्चों और मरीजों को चिन्हित कर इससे बचाव की सलाह देने के अलावा आवश्यकतानुसार अस्पताल भी संदर्भित किया जाएगा। अगर भ्रमण के दौरान किसी घर में पंद्रह साल से कम उम्र का बच्चा मिलता है तो उस घर पर स्टिकर भी चस्पा किया जाएगा जिसमें इंसेफेलाइटिस व संचारी रोगों से बचाव और उचित कदम की जानकारी दी गयी है। आशा कार्यकर्ता घर के भीतर जाकर मच्छरों के प्रजनन स्रोत के बारे में लोगों को जानकारी देते हुए उन्हें नष्ट करवाएंगी ।

    *दस्तक का मुख्य संदेश*

    डॉ दूबे ने बताया कि दस्तक का मुख्य संदेश है कि अगर किसी भी प्रकार का बुखार हो तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। सरकारी अस्पतालों में हर प्रकार के बुखार का निःशुल्क इलाज है । अगर तेज बुखार है तो सरकारी अस्पताल पहुंचने के लिए 108 एंबुलेंस सेवा का इस्तेमाल करें और आशा कार्यकर्ता की भी मदद लें। बुखार की त्वरित पहचान और इलाज से यह जटिल रूप नहीं ले पाता है और जनधन की क्षति नहीं होती है । अप्रशिक्षित चिकित्सक  से दवा नहीं लेनी है और अपने मन से मेडिकल स्टोर से भी दवा लेकर नहीं खानी है।

    *जिलाधिकारी ने की समीक्षा*

    सीएमओ ने बताया कि जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश की अध्यक्षता में शुक्रवार की देर शाम  ड्रिस्ट्रिक्ट टॉस्क फोर्स (डीटीएफ) की बैठक हुई, जिसमें विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान की समीक्षा की गयी और दस्तक पखवाड़े के बारे में भी चर्चा हुई । जिलाधिकारी ने विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान से जुड़े सभी विभागों को समन्वयक के साथ कार्य करते हुए जिले के सूचकांक में सुधार करने को कहा है । पंचायती राज विभाग को झाड़ियों की सफाई, नालियों की सफाई, कृषि विभाग को चूहों के बारे में लोगों को जागरूक करने, शिक्षा विभाग को स्कूलों में बच्चों को जागरूक करने पर विशेष जोर देने को कहा गया है । इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एके चौधरी, जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह, उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल, एडीएमओ राजेश चौबे, डीपीएम पंकज आनंद, जेई-एईएस कंसल्टेंट सिद्धेश्वरी सिंह, यूनिसेफ संस्था के डीएमसी डॉ हसन फहीम, विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ अंकुर सांगवान और पाथ संस्था के प्रतिनिधि अभिनव समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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