नवनिर्मित मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ रामजानकी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा
प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ निकाला कलशयात्रा
कौड़ीराम गोरखपुर।भारत देश में किसी देवमूर्ति को मंदिर में लाते हैं तो पूरे विधि विधान से इसकी पूजा की जाती है। इस प्रतिमा में जान डालने के लिए प्राण प्रतिष्ठा किया जाता है।प्राण प्रतिष्ठा के द्वारा मूर्ति को जीवंत किया जाता है,जिससे की यह व्यक्ति की विनती को स्वीकार कर सके। प्राण-प्रतिष्ठा की यह परंपरा हमारी सांस्कृतिक मान्यता जुड़ी है कि पूजा मूर्ति की नहीं की जाती है।उसी क्रम में कौड़ीराम स्थित 132/33 के०वी०पावर हाउस में बने नवनिर्मित मंदिर में रामजानकी मूर्ति की प्रतिष्ठा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ।बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व अखण्ड रामायण पाठ व कलशयात्रा भी निकाला गया।उक्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंजीनियर संजय कुमार सिंह अधिशासी अभियंता परेषण गोरखपुर,इंजीनियर संदीप कुमार यादव उपखंड अधिकारी परेषण कौड़ीराम,महंत सिंह अध्यक्ष सभापति जि०स० फेडरेशन संघ गोरखपुर,मारकण्डेय राय पूर्व जिला अध्यक्ष भाजपा गोरखपुर,डॉक्टर धर्मेंद्र राय एवं डॉक्टर निर्भय कुमार द्विवेदी प्रधानाचार्य ज० इ० कॉलेज दुबौली रहे।सम्पूर्ण कार्यक्रम के मुख्य आयोजक ओपी यादव,रविंद्र नाथ राय,अविनाश कुमार ने बताया कि नवनिर्मित मंदिर एवं राम जानकी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को सफल बनाने के लिए पावर हाउस के समस्त स्टाफ के साथ क्षेत्र के संभ्रांतों का पूर्ण सहयोग रहा।
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