सामुदायिक स्वास्थ्य केंन्द्र गोला पर कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों के आवास की स्थित बनी दयनीय
स्वास्थ्य लाभ पहुचाने वाले स्वास्थ्य कर्मी जर्जर आवासों में रहने को बने मजबूर
असुरक्षित स्वास्थ कर्मी कैसे देंगे लोगो को स्वास्थ लाभ
गोलाबाजार गोरखपुर16 सितम्बर।
गोला तहसील मुख्यालय का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोला पर कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों को रहने के लिए बने आवास पूर्ण रूप से जर्जरअवस्था मे चले गए है।
बरसात के दिनों में बने आवास के छत का टपकना तो जन्म सिद्ध अधिकार बन चुका है।लेकिन अन्य मौसमो में आवासीय भवनों के फ़टे दीवाल सड़े फाटक व खिड़कियां, आवासीय परिसर में उगे झाड़ झंखाड़ परिसर में बने जलजमाव , जर्जर अवस्था मे पहुची सुरक्षा के निमित लगी चाहर दिवारी ,अगल बगल जहरीले जानवरो का बसेरा से जनता को स्वास्थ लाभ देने वाले अपने को पूर्ण रूप से असुरक्षित महशुस कर रहे है ।
बताते चले कि चार दशक पूर्व इस स्वास्थ केंद्र का निर्माण हुआ था । सरकारी धन का उपयोग कर ठेकेदारों द्वारा सामुदायिक स्वास्थ केंद्र व सेवा देने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए आवास का निर्माण कराया गया था। साथ ही अस्पताल व कार्य करने वाले कर्मियों की सुरक्षा के लिए चारो तरफ बाउंड्रीवाल भी लगाया गया था।लेकिन धीरे धीरे अस्पताल के पीछे आवासीय परिसर को सुरक्षा देने वाली चाहरदिवाली मरम्मत के अभाव में ध्वस्त हो गयी।
अस्पताल पर कार्यरत अधिकारियों व स्वास्थकर्मियों के आवास पूर्ण रूप से जर्जर स्थिति में आ पड़े है ।अब तो आवासों के दीवाल भी फट चुके है ।छत का टपकना चालू है ।दीवाल पर लगे प्लास्टर भी टूट कर गिर रहे है ।इतना ही नही ऊपर लगा छत भी कही कही टूट रहे है।खिड़कियां दरवाजे पूरी तरह सड़ चुके है ।शौचालयों की बात ही अलग है।अस्पताल का आवासीय परिसर पूरी तरह निवास करने की स्थिति में नही है ।उसके बाद भी स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत लोग जर्जर आवास में निवास कर अपने को असुरक्षित महशुस करते हुए क्षेत्र की जनता को स्वास्थ लाभ पहुचा रहे है ।दयनीयआवासों के स्थिति पर सी एच् सी गोला पर कार्यरत अधीक्षकों द्वारा अनेको बार लिखित रूप से जिला मुख्य चिकित्साधिकारी अधिकारी महोदय को दिया गया ।साथ ही क्षेत्र के लोगो ने भी उच्चाधिकारियों की सज्ञान में दिया लेकिन अब तक कोई ब्यवस्था आवास के निमित्त शासन द्वारा नही किया गया ।जिससे असुरक्षित कर्मियों में तो एक तरफ असन्तोष ब्याप्त है साथ ही क्षेत्र के लोगो मे भी शासन के द्वारा कार्यवाही न किये जाने पर असन्तोष है ।क्षेत्र के लोगो का कहना है कि शासन द्वारा यह अस्पताल स्थापित है ।जब स्वास्थ लाभ देने वाले अपने को खुद असुरक्षित महशुस करेंगे तो आम जनता को कैसे स्वास्थ लाभ देंगे ।यह एक यक्ष प्रश्न खड़ा पड़ा है।इस प्रकरण पर जब अधीक्षक डॉ योगेन्द्र सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आवासों की स्थित अति दयनीय है ।जर्जर आवासों के बिषय में हमने जिला परअपने बिभाग के उच्च अधिकारियों को लिखित पत्रक भी दिया है । इस प्रकरण पर सी एम ओ से बार्ता करने का प्रयास किया गया।लेकिन उनका फोन ब्यस्त मिला।
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