पितृ विसर्जन:पितरों को तर्पण एवं पकवान के साथ की गई विदाई
कौड़ीराम गोरखपुर।पितरों की संतुष्टि से ही देवताओं की संतुष्टि होती है। पितृपक्ष में 15 दिनों तक पितरों को जल, श्राद्ध और तर्पण देकर संतुष्ट किया जाता है।पितृ पक्ष अमावस्या के दिन पितृ पक्ष का आखिरी दिन यानी समापन होता है।मान्यता के मुताबिक इस दिन हमारे पूर्वज विदा होकर वापस देवलोक को प्रस्थान करते हैं। जिन पितरों की तिथि ज्ञात नहीं होती, उन सभी का श्राद्ध अमावस्या के दिन किया जाता है।15 दिनों में पितरों का स्मरण कर उनका पिंडदान, तर्पण आदि किया जाता है। इससे उनकी आत्मा तृप्त होकर वापस लौटती है और वंशजों को खूब सारा आशीर्वाद देते हैं।कौड़ीराम क्षेत्र में पितृ विसर्जन पर तर्पण,पिंडदान,श्राद्ध व पकवान के साथ पितरों को सम्मानपूर्वक विदाई दी गई।
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