सेवानिवृत्त फार्मासिस्ट ऋतुराज सिंह से नियम विरुद्ध अवैध वसूली पर न्यायालय ने लगाई रोक
गोरखपुर*सेवानिबृत्त बरिष्ठ फार्मेसिस्टश्री रितुराज सिह की नियमबिरुद्ध वसूली पर माननीय उच्च न्यायालय ने लगाई रोक।*
*इस तरह के मामले मे अपर मुख्य सचिव आयुष से सामूहिक आदेश की माँग -विद्याधर पाठक पूर्ब प्रदेश अध्यक्ष* *
सहजनवा गोरखपुर बांसगांव संदेश*1982,1983,1984बर्ष के नियुक्त आयुर्वेदिक फार्मेसिस्टो को बर्ष 1985के नियुक्त फार्मेसिस्टो से कम बेतन मिल रहा था जिसको बित्त बिभाग ने गम्भीरता से लेते हुए शासनादेश 5नवम्बर 2014के प्रस्तर 4के खण्ड 4मे दी गई ब्यवस्था के परिपेक्ष्य उक्त बेतनबिसँगति को समाप्त कर दिया गया था उक्त बेतनबिसँगति को निदेशक आयुर्वेदिक सेवाएं उ.प्र द्वारा अपने आदेश सख्या 89दिनांक 9-9-2015द्धारा भी समाप्त कर दिए थे किन्तु शासनादेश 29सितम्बर 2020के प्रस्तर 1के खण्ड15 द्धारा सेवानिबृत्त साथियों द्धारा प्राप्त धनराशि की वसूली की जा रही है ।तमाम पीडित बरिष्ठ फार्मेसिस्ट मा उच्च न्यायालय की शरण गये थे मा उच्च न्यायालय ने रिकबरी न करने का आदेश जारी किया किन्तु बिना रिकबरी जमा किए अन्य भुगतान मे बाधा आ रही है विवश होकर सेवानिबृत्त बरिष्ठ साथियों को रिकबरी जमा करनी पड रही है इस सम्बध बरिष्ठ फार्मेसिस्ट रितुराज सिह रायबरेली मा उच्च न्यायालय के आदेश अवहेलना मे अवमाननावाद दाखिल किए थे जिससे रितुराज सिह की जमा कराई गई रिकबरी को उनके खाते मे भेजा गया एवँ पुनः बेतननिर्धारण का आदेश जारी हुआ।अपर मुख्य सचिव आयुष उ.प्र.से अनुरोध है कि रितुराज सिह के समान जितने भी बरिष्ठ साथियों के रिकबरी का प्रकरण है कृपया निदेशक आयुर्वेद अथवा अपने स्तर से सामूहिक आदेश वसूली बन्द करने एवं की गई वसूली को वापस करने का आदेश निर्गत करना मा उच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत होगा साथ बरिष्ठ फार्मेसिस्टो एवँ बरिष्ठ नागरिकों को अनावश्यक भागदौड़ एवँ मानसिक यातना के.शिकार से मुक्ति मिलेगी*।
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