परशुराम - लक्षण संवाद से भाव विभोर हुए श्रद्धालु
गोला गोरखपुर ! बांसगांव संदेश! शिव धनुष टूटने के बाद भगवान परशुराम जी अत्यंत क्रोधित होकर स्वयंवर में पहुंचे और लक्ष्मण जी से तीखा संवाद चल ही रहा था कि परशुराम जी प्रचंड क्रोधित हो गए जिस पर राम जी ने मीठे वचन बोलकर परशुराम जी को शांत कराएं।जिस प्रकार अग्नि को ठंडा करने के जल डाला जाता है उसी प्रकार क्रोध को शांत कराने के लिए मीठे वचन बोलना ही लाभकारी होता है। उक्त बातेंबड़हलगंज क्षेत्र के भटनीपार खुर्द में आयोजित नव दिवसीय शतचंडी महायज्ञ में श्री रामकथा के चौथे दिन शनिवार को कथा व्यास हेमंत तिवारी महाराज ने श्रीराम कथा का श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराते हुए कही।
इसके पूर्व कथा शुभारंभ यज्ञकर्ता डा. अजय हरी शुक्ल, सेवा निवृत शिक्षक अस्सी संगम दुबे व मुख्य यजमान सेवा निवृत शिक्षक उपेंद्र नाथ मिश्र ने व्यासपीठ की आरती उतारकर की। कथा का संचालन पूर्व जिला पंचायत सदस्य सत्यप्रकाश यादव ने किया
अवसर पर डाॅ सुभाष चंद्र यादव डाॅ प्रवीण तिवारी डाॅ अनूप तिवारी अजय मिश्र प्रधान डाॅ देवेन्द्र नाथ मिश्र सुभाष मिश्र धरणीधर दुबे श्याम मुरारी यादव राम सिद्ध दुबे राकेश दुबे रामनरायन मिश्र उमाकांत मिश्र सोशल मिश्र अशोक मिश्र प्रमोद मिश्र रामनवल दुबे करूणेश मिश्र संगम दुबे हरिओम दुबे सम्पूर्णा मिश्र शिवम विक्की आदि श्रोता देर रात तक भाव विभोर होकर कथा का अमृत पान करते रहे ।
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