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    बड़गो डोमवा ढाला पर बने छठ घाट पर ताता, बड़ी संख्या महिलाओं ने दिया सूर्य को अर्घ सर्व कल्याण के लिए की प्रार्थना




    गोरखपुर। थाना रामगढ़ताल आजाद नगर चौकी के अंतर्गत पड़ने वाले क्षेत्र बड़गो ,सिंदूलीबिंदुली डोमवा ढाला राप्ती नदी के किनारे बने घाट पर त्योहार पर बड़ी संख्या मे लोग नजर आए। वार्ड नंबर 11 मे
    आस्था के महापर्व छठ के शुभ अवसर पर एक तरफ जहां हजारों महिलाओं द्वारा बड़गो क्षेत्र में स्थित राप्ती नदी के किनारे बने घाट पर सूर्य को अर्घ देकर अपने इष्ट से सर्व कल्याण के लिए प्रार्थना की । रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के आजाद नगर चौकी इंचार्ज पुरुषोत्तम आनंद सिंह ने कहा कि छठ लोगो के आस्था का पर्व है जो लोगो मे धर्म एवम अपनी संस्कृति से जुड़ने के लिए निरन्तर प्रेरित करता है।
    संतान की लंबी उम्र,उज्जवल भविष्य एवम सुखमय जीवन हेतु मनाए जाने वाले पर्व(छठी माई ) कहा जाता है कि
    राजा प्रियंवद को कोई संतान नहीं थी तब महर्षि कश्यप ने पुत्रेष्टि यज्ञ कराया . राजा ने रानी मालिनी को यज्ञ आहुति के लिए बनाई गई खीर दी. इसके प्रभाव से उन्हें एक पुत्र रत्न की प्राप्ति तो हुई लेकिन वह बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ. प्रियंवद अपने मृत्य पुत्र के शरीर को लेकर श्मशान गया और पुत्र वियोग में अपने भी प्राण त्यागने लगा. तभी भगवान की मानस कन्या देवसेना प्रकट हुई. उन्होंने प्रियंवद से कहा कि सृष्टि की मूल प्रवृत्ति के छठे अंश से उत्पन्न होने के कारण मैं षष्ठी कहलाती हूं. हे राजन तुम मेरा पूजन करो और दूसरों को भी प्रेरित करो। राजा ने पुत्र इच्छा से सच्चे मन से देवी षष्ठी का व्रत किया और उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई।यह पूजा कार्तिक शुक्ल षष्ठी को हुई थी। तब से लोग संतान प्राप्ति के लिए छठ पूजा का व्रत करते हैं।इसलिए पानी में खड़े होकर की जाती है छठ की पूजा।

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