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    दीन का इल्म हासिल करना हर मुसलमान मर्द-औरत पर फ़र्ज है : उलमा किराम

    दीन का इल्म हासिल करना हर मुसलमान मर्द-औरत पर फ़र्ज है : उलमा किराम

    -घोसीपुर में जलसा-ए-ग़ौसुलवरा

    -अकीदतमंदों को लंगर-ए-ग़ौसिया खिलाया गया

    गोरखपुर।
    घोसीपुर में जलसा-ए-ग़ौसुलवरा का आयोजन हुआ। ग़ौसे आज़म हज़रत सैयदना शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी अलैहिर्रहमां को शिद्दत से याद किया गया। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत हाफ़िज़ मो. आरिफ ने की। नात-ए-पाक मो. अफरोज कादरी, कैसर रज़ा, कारी आबिद अली, हाफिज रहमत अली निज़ामी ने पेश की। अकीदतमंदों को लंगर-ए-ग़ौसिया खिलाया गया।
    अध्यक्षता करते हुए मुफ़्ती-ए-शहर अख़्तर हुसैन ने कहा कि वलियों (अल्लाह के नेक बंदे) की बारगाह से तौहीद, इत्तेहाद और भाईचारगी का सबक मिलता है। वलियों को मानना यकीनन खुश नसीबी है। वलियों ने अल्लाह की इबादत व याद में अपनी ज़ात को फ़ना कर दिया तो अल्लाह ने भी उनके दर्जात को बुलंद कर दिया।

    मुख्य वक्ता मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीज़ी ने कहा कि इस्लामी तालीमात, क़ुरआन और हदीस का सबक अल्लाह के वलियों के नज़रियात से अगर हासिल किया जाए तो ज़िदंगी में कभी गुमराही और दीन-ए-इस्लाम से दूरी नहीं हो सकती। अल्लाह के वलियों को अल्लाह के सिवा किसी का खौफ़ नहीं होता है।

    विशिष्ट वक्ता कारी मो. अनस रज़वी ने कहा कि क़ुरआन की पहली आयत ‘इकरा’ है। इसका मतलब यह हुआ कि दीन-ए-इस्लाम में इल्म की बहुत अहमियत है। इल्मे दीन हासिल करना हर मुसलमान मर्द और औरत पर फ़र्ज है। हम अपने बच्चों की दुनियावी तालीम पर तो लाखों रूपये पानी की तरह बहा देते हैं लेकिन इस्लामी तालीम के लिए न हमारे पास पैसा है और न ही वक़्त। हम यह क्यों भूल जाते हैं कि यह दुनिया तो बस कुछ दिन का ठिकाना है उसके बाद हमें अल्लाह के सामने पेश होना है। वहां हर चीज़ का हिसाब लिया जाएगा।

    विशिष्ट वक्ता कारी अफ़ज़ल बरकाती ने कहा कि ग़ौसे आज़म हज़रत शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी अलैहिर्रहमां ने दीन-ए-इस्लाम की बुनियाद मजबूत की। जिन्होंने अल्लाह की वहदानियत और क़ुरआन की अज़मत का आईना दिखाया। नेक लोगों का जिक्र ईमान और अकीदे में मजबूती पैदा करने का बेहतरीन जरिया है।

    अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमन शांति की दुआ मांगी गई। जलसे में सैयद शुजाअत अहमद, हाफिज आफताब, कारी अजीम अहमद, सैयद मो. काशिफ, मुजफ्फर हुसैन रूमी, सैयद शारिक, सैयद ओसामा, अलतमश, अमन, मो. फैज़, शम्स, मो. अमन, सैयद नदीम अहमद, अली अहमद अत्तारी, खुर्शीद आलम, यासीन खान, गजनफर अली शाह, फैज, जैद मुस्तफाई, समीर अली, सैयद शम्स आलम, सैयद आसिम, सेराज अहमद आदि ने शिरकत की।

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