परिषदीय विद्यालय में बच्चों की शिक्षा व्यवस्था बेहद दयनीय
परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की शिक्षा व्यवस्था बेहद दयनीय
सहजनवा गोरखपुर बांसगांव सन्देश।सरकारी अभियान को पलीता लगाने में अधिकारी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं । इसका ताजा उदाहरण परिषदीय विद्यालय हैं । सात महीने बीतने के बाद भी बच्चों को अभी तक किताबें नहीं दी गई है । अब उनके भविष्य का क्या होगा ? बीते माह की पढ़ाई कैसे कवर करेंगे, इस सवाल का जवाब किसी जिम्मेदार के पास नहीं है ।
विकासखंड पाली को देखा जाए, तो इनके कुल 15 परिषदीय विद्यालयों में 13000 छात्र हैं । अफसोस की बात यह है कि अभी तक बच्चों को किताबें नहीं दी गई। हालांकि अधिकारी लोगों का ध्यान भटकाने के लिए विकासखंड में नए-नए कार्यक्रम गढ़े जा रहे हैं, परंतु किताबें कैसे हर बच्चों के हाथ में पहुंचे इसके लिए उनका कोई प्रयास नहीं है।
कुछ गिने-चुने विद्यालयों में डिजिटल पढ़ाई का दम भरा जाता है परंतु वह नाकाफी है। किताब बच्चों को हर तरह से पढ़ने में मदद करता है, चाहे विद्यालय हो या घर । उक्त संदर्भ- में खंड शिक्षा अधिकारी पाली रजनीश द्विवेदी ने कहा कि- शासन से नहीं आई थीं, इस कारण से विलंब हुआ है । अब आ गई है शीघ्र वितरित कराया जाएगा।
कुछ गिने-चुने विद्यालयों में डिजिटल पढ़ाई का दम भरा जाता है परंतु वह नाकाफी है। किताब बच्चों को हर तरह से पढ़ने में मदद करता है, चाहे विद्यालय हो या घर । उक्त संदर्भ- में खंड शिक्षा अधिकारी पाली रजनीश द्विवेदी ने कहा कि- शासन से नहीं आई थीं, इस कारण से विलंब हुआ है । अब आ गई है शीघ्र वितरित कराया जाएगा।
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