कवियों ने कवि सम्मेलन में अपने शब्दों के ऐसे जादू बिखेरे कि सबका मन मोह लिया
कवियों ने कवि सम्मेलन में अपने शब्दों के ऐसे जादू बिखेरे कि सबका मन मोह लिया
सहजनवा गोरखपुर बांसगांव संदेश सहजनवा गीडा के गैलेंट परिवार द्वारा मंगलवार को कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें भारी संख्या में लोग मौजूद थे। कविता का आनंद खूब लिए ।सम्मेलन में कवियों ने अपने शब्दों के ऐसे जादू बिखेरे कि सबका मन मोह लिया।
अपनी दमदार कविता का आगाज करते हुए- हाथरस से पधारे कवि डॉ विष्णु सक्सेना ने कहा-डर मुझे भी लगा फासला देखकर, पर मैं बढ़ता गया रास्ता देखकर ।। खुद-ब-खुद नजदीक आती गयी मेरी मंजिल । मेरा हौसला देखकर ।। अपने अनमोल कविताओं से महफिल की शमा बांध दी। आगे उन्होंने कहा कि- प्यास बुझ जाए तो शबनम खरीद सकता हूं । जख्म मिल जाय तो मरहम खरीद सकता हूं ।। ये मानता हूं कि मैं दौलत नहीं कमा पाया । मगर तुम्हारा हर एक गम खरीद सकता हूं ।। इसी क्रम में मेरठ से आए हास्य कवि डॉ० पॉपुलर मेरठी ने राजनीति पर अपनी व्यंग्यात्मक टिप्पणी की और कहा कि- इस मर्तबा भी आए हैं नंबर मिले तो कम । रुस्वाइयों का क्या मिरी दफ़्तर बनेगा तू।। बेटे के मुँह पे दे के चपत बाप ने कहा। फिर फ़ेल हो गया है मिनिस्टर बनेगा तू ।। उत्तराखंड के नैनीताल से आई कवियत्री डॉ० गौरी मिश्रा भी कम नहीं दिखीं-श्रृंगार की अपनी मनमोहक कविता से सबका मन सराबोर कर दिया है। उन्होंने कहा कि- गुलाबी नोट से ज्यादा गुलाबी गाल कर दूँगी। तुम्हें अपनी मोहब्बत से मालामाल कर दूंगी।। बहुत नादान है यूं तो ये नैनीताल की गौरी । मिले ताली तो गोरखपुर को नैनीताल कर दूँगी।। गीत गजलो और कविताओं के पाठ से सभी दर्शकों का दिल बाग बाग हो गया सभी आनंद में खो गए। उक्त कार्यक्रम मंगलवार को गीडा के गैलेंट परिहार द्वारा कवि सम्मेलन आयोजित किया गया था । जिसमें शिक्षक, प्रबुद्ध लोगों के अतिरिक्त भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे । कवियों के इसी क्रम में-लखनऊ से प्रमोद पंकज, दिल्ली से आदित्य रसीदी ने भी अपने शब्दों के जादू बिखेरे। कवि सम्मेलन का संचालन स्थानीय कवि व मशहूर शायरकार डॉ० कलीम केसर ने किया । उक्त-अवसर पर-मुख्य कार्यकारी अधिकारी मयंक अग्रवाल, संरक्षक व निदेशक संतोष FC प्रकाश अग्रवाल, निदेशक प्रेम प्रकाश अग्रवाल व नितिन महाबीर कन्दोई तथा सीईओ मयंक अग्रवाल व आशुतोष अग्रवाल की गरिमामयी उपस्थिती रही । समूह से जुड़े सभी वितरक, विक्रेता व कर्मचारीगण भी उपस्थित थे।
अपनी दमदार कविता का आगाज करते हुए- हाथरस से पधारे कवि डॉ विष्णु सक्सेना ने कहा-डर मुझे भी लगा फासला देखकर, पर मैं बढ़ता गया रास्ता देखकर ।। खुद-ब-खुद नजदीक आती गयी मेरी मंजिल । मेरा हौसला देखकर ।। अपने अनमोल कविताओं से महफिल की शमा बांध दी। आगे उन्होंने कहा कि- प्यास बुझ जाए तो शबनम खरीद सकता हूं । जख्म मिल जाय तो मरहम खरीद सकता हूं ।। ये मानता हूं कि मैं दौलत नहीं कमा पाया । मगर तुम्हारा हर एक गम खरीद सकता हूं ।। इसी क्रम में मेरठ से आए हास्य कवि डॉ० पॉपुलर मेरठी ने राजनीति पर अपनी व्यंग्यात्मक टिप्पणी की और कहा कि- इस मर्तबा भी आए हैं नंबर मिले तो कम । रुस्वाइयों का क्या मिरी दफ़्तर बनेगा तू।। बेटे के मुँह पे दे के चपत बाप ने कहा। फिर फ़ेल हो गया है मिनिस्टर बनेगा तू ।। उत्तराखंड के नैनीताल से आई कवियत्री डॉ० गौरी मिश्रा भी कम नहीं दिखीं-श्रृंगार की अपनी मनमोहक कविता से सबका मन सराबोर कर दिया है। उन्होंने कहा कि- गुलाबी नोट से ज्यादा गुलाबी गाल कर दूँगी। तुम्हें अपनी मोहब्बत से मालामाल कर दूंगी।। बहुत नादान है यूं तो ये नैनीताल की गौरी । मिले ताली तो गोरखपुर को नैनीताल कर दूँगी।। गीत गजलो और कविताओं के पाठ से सभी दर्शकों का दिल बाग बाग हो गया सभी आनंद में खो गए। उक्त कार्यक्रम मंगलवार को गीडा के गैलेंट परिहार द्वारा कवि सम्मेलन आयोजित किया गया था । जिसमें शिक्षक, प्रबुद्ध लोगों के अतिरिक्त भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे । कवियों के इसी क्रम में-लखनऊ से प्रमोद पंकज, दिल्ली से आदित्य रसीदी ने भी अपने शब्दों के जादू बिखेरे। कवि सम्मेलन का संचालन स्थानीय कवि व मशहूर शायरकार डॉ० कलीम केसर ने किया । उक्त-अवसर पर-मुख्य कार्यकारी अधिकारी मयंक अग्रवाल, संरक्षक व निदेशक संतोष FC प्रकाश अग्रवाल, निदेशक प्रेम प्रकाश अग्रवाल व नितिन महाबीर कन्दोई तथा सीईओ मयंक अग्रवाल व आशुतोष अग्रवाल की गरिमामयी उपस्थिती रही । समूह से जुड़े सभी वितरक, विक्रेता व कर्मचारीगण भी उपस्थित थे।
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