*भव्य कलश यात्रा के साथ ही श्री विष्णु महायज्ञ शुरू*
*भव्य कलश यात्रा के साथ ही श्री विष्णु महायज्ञ शुरू*
सहजनवा गोरखपुर बांसगांव संदेश ।पिपरौली ब्लाक के नगवा गांव स्थित बामती मंदिर परिसर में गुरुवार को आयोजित नौ दिवसीय श्री विष्णु महायज्ञ को लेकर भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया।
कथावाचक रंगमकृष्ण जी व पंo कविराज नन्द जी के सानिध्य में भव्य कलश यात्रा निकाली गई। गाजे-बाजे के साथ 501 कन्याएं मिट्टी कलश में जल लेकर यज्ञ स्थल तक पहुंचे। कालेसर स्थित राप्ती नदी में आचार्य रसराज शरण ने विधिवत घाट पूजन व वैदिक मंत्रोच्चारण के पश्चात कलश में जल संग्रह किया गया। इस शोभायात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने धर्म की जय हो, अर्धम का नाश हो आदि जयकारे व हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, हरे राम आदि कीर्तन करते महायज्ञ स्थल तक पहुंचे। पारंपरिक वाद्ययंत्र व मंगलध्वनि के गूंजते रहने से आसपास का वातावरण भी भक्तिमय हो उठा। महायज्ञ स्थल तक पहुंचने के मार्ग में कन्याओं के अलावा आसपास दर्जनों गांव के भारी संख्या में महिला-पुरुष काफी संख्या में शामिल हुए। कलश यात्रा में शामिल कन्याओं के लिए आयोजक मंडली की ओर से पेयजल व प्रसाद की व्यवस्था की गई। महायज्ञ आयोजन से नगवा, ककना, खानिमपुर, तेनुआ, जैतपुर, कुरमौल, देईपार, नंदापार सहित आसपास के दर्जनों गांवों में भक्ति व उत्साह का माहौल बना हुआ है। इस कार्यक्रम का सफल संचालन के लिए महायज्ञ कमेटी के सदस्यों का सराहनीय योगदान रहा है।
कथावाचक रंगमकृष्ण जी व पंo कविराज नन्द जी के सानिध्य में भव्य कलश यात्रा निकाली गई। गाजे-बाजे के साथ 501 कन्याएं मिट्टी कलश में जल लेकर यज्ञ स्थल तक पहुंचे। कालेसर स्थित राप्ती नदी में आचार्य रसराज शरण ने विधिवत घाट पूजन व वैदिक मंत्रोच्चारण के पश्चात कलश में जल संग्रह किया गया। इस शोभायात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने धर्म की जय हो, अर्धम का नाश हो आदि जयकारे व हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, हरे राम आदि कीर्तन करते महायज्ञ स्थल तक पहुंचे। पारंपरिक वाद्ययंत्र व मंगलध्वनि के गूंजते रहने से आसपास का वातावरण भी भक्तिमय हो उठा। महायज्ञ स्थल तक पहुंचने के मार्ग में कन्याओं के अलावा आसपास दर्जनों गांव के भारी संख्या में महिला-पुरुष काफी संख्या में शामिल हुए। कलश यात्रा में शामिल कन्याओं के लिए आयोजक मंडली की ओर से पेयजल व प्रसाद की व्यवस्था की गई। महायज्ञ आयोजन से नगवा, ककना, खानिमपुर, तेनुआ, जैतपुर, कुरमौल, देईपार, नंदापार सहित आसपास के दर्जनों गांवों में भक्ति व उत्साह का माहौल बना हुआ है। इस कार्यक्रम का सफल संचालन के लिए महायज्ञ कमेटी के सदस्यों का सराहनीय योगदान रहा है।
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