धूमधाम से मनाया गया एसएसबी का स्थापना दिवस
एसएसबी गोरखपुर के परिसर में मंगलवार को एसएसबी गोरखपुर की तीनों इकाई क्रमश क्षेत्रक मुख्यालय, रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर तथा संयुक्त चिकित्सालय के संयुक्त तत्वाधान में जवानों एवं अधिकारियों ने बहुत ही धूमधाम से 59 वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर महानिरीक्षक (चिकित्सा) डॉक्टर असित बरन दास ने स्थापना वर्ष 1963 से लेकर अबतक की उपलब्धियों को गिनाया।
उन्होंने कहा कि एसएसबी का इतिहास गौरवपूर्ण रहा है। सीमा की रक्षा में एसससबी जवान अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सशस्त्र सीमा बल मूल रूप से 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद 20 दिसंबर 1963 को स्पेशल सर्विस ब्यूरो के नाम से स्थापित किया गया था। कारगिल युद्ध के बाद एसएसबी के कार्य क्षेत्र एवं भूमिका में परिवर्तन कर इसे वर्ष 2001 में गृह मंत्रालय के अधीन किया गया। सीमा रक्षक बल बनाकर 1751 किलोमीटर लंबी भारत-नेपाल सीमा पर तथा सन 2004 में 699 किलोमीटर लंबी भारत भूटान सीमा पर देश की रक्षा का दायित्व सौंपा गया। भारत सरकार ने सन 2004 में बल की नई भूमिका के अनुरूप इसका नाम बदलकर सशस्त्र सीमा बल कर दिया।
एसएसबी द्वारा राष्ट्र को दी गई गौरवपूर्ण सेवाओं को मान्यता प्रदान करते हुए इसे 2004 में ही राष्ट्रपति के अलंकरण से अलंकृत किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रक मुख्यालय गोरखपुर के उप महानिरीक्षक श्री राजीव राणा ने जवानों को प्रेरित करते हुए कहा कि एसएसबी का कार्य राष्ट्र विरोधी ताकतों से देश व देश के नागरिकों की सुरक्षा करना है जिसमें जवान दिन-रात सीमा पर बैठे रह कर अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे है। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि हमें राष्ट्र की सेवा करने का अवसर मिला है यह हमारे लिए गर्व की बात है हमें हमेशा देश सेवा में आगे रहना चाहिए। इस मौके पर रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर के उपमहानिरीक्षक श्री रजनीश लांबा जी ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि एसएसबी सीमा सुरक्षा के साथ -साथ सामाजिक दायित्वों का भी निर्वहन कर रही है। सीमावर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों के साथ मधुर सम्बंध स्थापित कर सेवा,सुरक्षा व बन्धुत्व का भाव जागृत कर रही है। इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉक्टर आई. एच. काजमी कमाडेंट (चिकित्सा), डॉक्टर विकास कुमार, 2IC(चिकित्सा) डॉक्टर श्रीनिवास ग़ौडा, 2IC(चिकित्सा), श्री जय प्रकाश, द्वितीय कमान अधिकारी, श्री जयप्रकाश आर्या, उप कमांडेंट, श्री सुहेल आलम, उप कमाडेंट, श्री राजकुमार सिंह , सहायक कमांडेंट एवम भारी संख्या में सभी इकाइयों के बलकर्मियों ने भाग लिया।
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