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    काव्योत्सव 2023 का कौडी़राम मे हुआ आयोजन

    काव्योत्सव 2023 का कौडी़राम मे हुआ आयोजन

    विराट कवि सम्मेलन मे लगी ठहाकों की गूंज

    भीषण ठंडी मे भी कवियों ने अपने रचनाओं से लगाई आग




    कौडी़राम गोरखपुर। कौडी़राम काव्योत्सव 2023 का आयोजन सर्वोदय पीजी कालेज के प्रांगण मे आयोजित हुआ। इस सम्मेलन मे दुर दराज से आये हुए कवियों ने भीषण ठंडी मे भी श्रोताओं के बीच गर्मी ला दी। कार्यक्रम का शुभारंभ कवि सुबाष चन्द्र यादव ने मां शारदा के वंदना से की.. मां वीणावादिनी आओ।कवि अजय कुमार अंजान ने कहा ..चल चलीं ए भईया गंउवा की ओर।कवियित्री अनिता पाल सिंह ने कहा..जानना है राम को तो मन कर रामसा..। घर को जलाकर उजाला तो कर लिया चेहरा छुपा के सख्श जाने किधर गया। कुशीनगर से आये डॉ राजकुमार भट्ट बाँवरा ने...भोरे बोले मुर्गा बिहान बोले कउआ, कहां जाऊं हेरे हेराईल मोर गउवां..। कवि बादशाह प्रेमी ने ..सच कहूँ या झूठ बोलू आपही इंसाफ करिए। पक्षपात के बात करेला उहो अब ते पंच हो गईल..। बादशाह प्रेमी के हास्य व्यंग्य ने भीषण ठंडी मे श्रोताओं के बीच मे गर्मी ला दी। अमिताभ पाण्डेय ने कहा.. नदी के दो किनारों का मिलन होता नहीं यारो,.. कभी किसी को मिलती नहीं पारो। दिल्ली के एक विश्वविद्यालय पर हो रहे क्रियाकलापों पर कहा कि
    भारत छोडो़ बोल रहे हो, मर्यादा को तोड़ रहे हो। कानपुर से आयीं कवियित्री  अंजना कुमार के कविता मे..बता दे खता रुठ जाने से पहले
    लाख कोशिशें करो उनमे एतबार हो नहीं सकता, एक बेवफा को कभी प्यार हो नहीं सकता। डॉ आर के राय अभिज्ञ ने सीमा पर शहीद हुए जवान के घर जब पार्थिव शरीर पहुंचता है उस समय का वर्णन करते हुए कहा कि..अश्रु मेरे अब ना निकलेगें प्राण प्यारे,दूध के इस कर्ज को तुने निभाया शान से। अन्तर्राष्टीय कवियत्री नुसरत अतीक ने कहा.. कि तुही मंजिल है कोई दुसरा अच्छा नहीं लगता। इश्क मे इश्क की शिद्दत हो तो नीम पर भी बादाम आ जाते हैं, बेर मे प्रेम हो शबरी की तरह तो प्रभु श्रीराम भी आ जाते हैं। कवियित्री चेतना पाण्डेय ने श्रोताओं के बीच सुंदर प्रस्तुति के रुप मे कहा कि मुश्किलें रोज चलीं आती है तैयारी से,जिंदगी हमसे जी न गई समझदारी से। कवि डॉ ज्ञानेंद्र द्विवेदी दीपक ने कहा कि तालाब की शोभा की खातिर एक हंस ही काफी है, जो ताल भरा हो हंसो से वो मानसरोवर होता है। सुबाष यादव ने अपने कविता मे कहा कि.. कभी वो दिन नहीं होते,कभी रातें नहीं होतीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कवि डॉ रामकृष्ण लाल जगमग ने कहा कि.. रेगिस्तान नही चंदन की घाटी है, काशी और मथुरा से भी अच्छी अपनी कौडी़राम की माटी है। इसके पहले कार्यक्रम मे क्षेत्र के गणमान्य लोगों का सम्मान कार्यक्रम हुआ जिसमें प्रमुख लोगों मे मारकण्डेय राय निदेशक पैक्सफेड एवं पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा,अजय कुमार शाही डाइरेक्टर आरपीएम एकेडमी, विनोद कुमार सिंह डाइरेक्टर केआईपीएम गीडा, गुलाब रध्वज सिंह उर्फ मंहथ सिंह सभापति जिला सहकारी फेडरेशन लिमिटेड गोरखपुर प्रबंधक सीताराम राय, कौडी़राम के समाजसेवी व पूर्व प्रधान शम्भू नारायण गुप्त रहे। आये हुए अतिथियों का स्वागत व सम्मान कार्यक्रम का संचालन डॉ अमिताभ पाण्डेय ने किया। कवि सम्मेलन का संचालन डॉ.आर.के.राय अभिज्ञ ने किया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ आरके राय व सह संयोजक मनोज शुक्ला रहे।

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