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    ईश्वर में प्रेम और आस्था को स्थापित करने का कार्य करती है भागवत कथा - आचार्य पं० अवधेश शास्त्री



    गोरखपुर (बांसगांव संदेश): श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास पंडित अवधेश शास्त्री जी महाराज ने आज संगीतमयी भागवत कथा सुनाते हुए कहा कि भागवत कथा का उद्देश्य ही श्रद्धालुओं मेें प्रेम व आस्था की स्थापना करना है क्योंकि ईश्वर मेें बिना आस्था व प्रेम के ईश्वर की प्राप्ति संभव नहीं। सच्चे हृदय से भागवत सुनने और उसके सिखाये मार्ग पर चलकर ही हम उस प्रेम और विश्वास को पा सकते हैैं।पूरा पांडाल भक्ति गीत और भजन से गुंजायमान हो रहा था और सभी श्रद्धालु भक्ति भाव से ओत प्रोत थे। कथा व्यास ने कहा कि प्रेम ही समस्त सृष्टि का आधार है। भगवान श्री कृष्ण की प्रेममयी बांसुरी को सुनकर मनुष्य को तो छोड़िए पशु-पक्षी भी उनके पास आ जाया करते थे और उन्हें सुना करते थे क्योंकि उनके बंसी में प्रेम का भाव होता था। हम भी यदि प्रेम से किसी से मिलते हैं वह चाहे पशु पक्षी ही क्यों ना हो वह हमारे मित्र बन जाते हैं यही भागवत का सार है।

    यज्ञ

    आज यज्ञ में प्रातः वेद पाठ के बाद पूजन कार्य एवं हवन यज्ञ में पं अवधेश शास्त्री, पं ओम प्रकाश पांडे, पं अशोक शास्त्री जी सहित प्रमुख आचार्यों ने दुर्गा सप्तशती के पाठ से यज्ञ में आहुति डलवायी। यजमान की भूमिका में व्यास मणि मिश्र, सूर्यमणि मिश्र, आशा मिश्रा, सत्यानंद शर्मा रहे। दोपहर में यजमान सूर्यमणि मिश्र व उनकी पत्नी आशा मिश्र ने चावल से तुला दान किया।

      इस अवसर पर अध्यक्ष उग्रनाथ द्विवेदी, मृदुल पाठक, श्याम प्रताप श्रीवास्तव, रिंकू दुबे, प्रद्युम्न दुबे, राहुल, संत कुमार शर्माा, सुनील पांडेे, मंटू बाबा का विशेष योगदान रहा।

       व्यवस्था प्रमुख बृजेश मणि मिश्र ने बताया कि कल प्रातः 5:00 बजे से 7:00 बजे तक वेद पाठ, 8.00 बजे से 11:00 बजे तक पूजन कार्यक्रम होगा। 12:00 से 1:00 के बीच में तुलादान, 2:00 से 4:00 तक हवन तथा 5:00 से 8:00 बजे तक श्रीमद्भागवत कथा होगा।



     

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