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    डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति ने की माननीय मुख्यमंत्री से मुलाकात, नैक मूल्यांकन में A++ ग्रेड पाने पर चर्चा

    *डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति ने की माननीय मुख्यमंत्री से मुलाकात, नैक मूल्यांकन में A++ ग्रेड पाने पर चर्चा*

    *गोरखपुर को एक महत्वपूर्ण नेशनल एजुकेशन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए एक ब्लूप्रिंट होगा तैयार*

    *केंद्र सरकार की तरह A++ ग्रेड प्राप्त करने वाले विश्विद्यालय को स्पेशल इंसेंटिव देंगे: माननीय मुख्यमंत्री*

    लखनऊ: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से लखनऊ में मुलाकात की। कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री को गोरखपुर विश्वविद्यालय द्वारा हासिल की गई ए++ ग्रेडिंग के बारे में चर्चा की। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री जी ने विश्वविद्यालय को बधाई देते हुए सभी प्रकार के समर्थन देने की बात कही। इस उपलब्धि के बाद केंद्र सरकार की तरह A++ ग्रेड प्राप्त करने वाले विश्विद्यालय को स्पेशल इंसेंटिव भी देने की बात मुख्यमंत्री जी ने कही। केंद्र सरकार 50 करोड़ A++ग्रेड पाने पर, 50 करोड़ इन्क्यूबेशन सेन्टर के लिए तथा 50 करोड़ स्पोर्ट्स के लिए प्रदान करती है। माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि वह विश्वविद्यालय खुद आएंगे और यहां के सभी शिक्षकों अधिकारियों तथा कर्मचारियों से मुलाकात करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर को एजुकेशन हब बनाने की दिशा में कैसे कार्य करे इस पर एक प्रेजेंटेशन भी देखेंगे। मुख्यमंत्री जी ने गोरखपुर को एक महत्वपूर्ण नेशनल एजुकेशन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए एक ब्लूप्रिंट तैयार करने को कहा है। कुलपति प्रो राजेश सिंह ने कहा कि इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के बाद विश्विद्यालय का प्रयास अंतरराष्ट्रीय तथा अन्य राज्यों के विद्यार्थियों को गोरखपुर में आकर्षित किया जाए। इसके साथ ही  मल्टीनेशनल कंपनी जैसे एप्पल, गूगल, आईबीएम तथा माइक्रोसॉफ्ट को आकर्षित किया जाए जिससे वो यहां आकर छात्रों की कम लागत में बेहतर कौशलपरख शिक्षा उपलब्ध कराने के साथ साथ उनके नौकरियां भी दे। कुलपति राजेश सिंह ने कहा कि ए++ ग्रेड हाशिल करने के बाद गोरखपुर विश्वविद्यालय देश के चार बड़े विश्वविद्यालय में शामिल हो गया है। जिसमें दो प्राइवेट सेक्टर के हैं और एक पब्लिक सेक्टर का है। उन्होंने कहा कि पब्लिक सेक्टर के विश्वविद्यालयों में काम करना कठिन है। लेकिन इन विश्विद्यालयों का 50 साल से ज्यादा का गौरवशाली इतिहास है। इन विश्वविद्यालयों के अंदर क्षमता है। हमे अब उच्च शिक्षा में एक्सीलेंस के मानकों पर खरा उतरना है। यह एक लंबी दौड़ है और हम इसके लिए तैयार है।

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