उत्तराखंड के सदरी और टेराकोटा की रही धूम
उत्तराखंड के सदरी और टेराकोटा की रही धूम
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड- गोरखपुर के द्वारा जुबली इण्टर कालेज, बक्शीपुर-गोरखपुर में दिनांक 07.01.2023 से 21.01.2023 तक आयोजित 15 दिवसीय मण्डल स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में प्रतापगढ़ के अचार मुरब्बा, सीतापुर के दरी, भदोही के कालीन, जम्मू कश्मीर के ड्राई फ्रूट, उत्तराखण्ड के सदरी/जैकेट, भागलपुर बिहार के सिल्क, पटियाला के तिल्ला जुती, कन्नौज के धूप बत्ती, लखनऊ के चिकन इम्ब्राइडरी, राजस्थान (बीकानेर) के पापड़, बड़ी, भुजिया, नमकीन, इटावा के चूर्ण, गोरखपुर चैरी चैरा के जुट बैग चर्म शिल्प, घरेलू वस्तुएं एवं अन्य ग्रामोद्योगी उत्पाद के अतिरिक्त माटीकला के अन्तर्गत उत्पादित वस्तुए व अन्य राज्यों/जनपदों से आये हुए उत्पाद रियायती दर पर उपलब्ध है। सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग उ0प्र0 की ओर से ‘‘उपहार सांस्कृतिक दल’’ के नेता श्री बृज बिहारी दूबे अपने साथी कलाकरों के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ सुराजी गीत ‘‘करबे चरखा खूब कतनवां, नया जमनवं आईल बा। ‘‘स्वच्छ भात अभियान’’ तथा चैरी चैरा के शहीदों के लिए ‘‘सुनिके गरब से ई दूना भइले छतिया, मिलत बा शहीदवन के मान अउर इज्जतिया। गाकर शहीदों को याद किया। प्रदर्शनी में कुल 108 स्टाल लगे है। विभिन्न टीवी चैनलों पर अपनी गायकी से पूर्वांचल का नाम रौशन करने वाले ‘श्री कुमार वार्षिकेय’ ने सोमावार को खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी की संगीतमय शाम अपने नाम कर ली। कुमार वार्षिकेय की प्रस्तुति श्रोताओं को खूब भायी। कार्यक्रम का संचालन रेडियो जाकी नवीन पाण्डेय ने किया। धुप खिलने से आज काफी संख्या में ग्राहक खरीदारी किये प्रदर्शनी में आए ग्राहकों ने काफी मात्रा में खादी के वस्त्रों के साथ-साथ ग्रामोद्योगी उत्पाद व घरेलू उपयोग के सामानों की खरीददारी की प्रदर्शनी के दो दिनों में अब तक लगभग रू0 09.25 लाख की बिक्री हो चुकी है। प्रदर्शनी के बारे में लोगों ने आपस में बात चीत करते हुए देखे गये जो सामानों की काफी प्रशंसा कर रहे थे।
प्रदर्शनी में खादी बोर्ड के तरफ से श्री महेन्द्र यादव, मार्कण्डेय सिंह, विजय गुप्ता, शिवेन्द्र सिंह, आरिफ आदि लोग उपस्थित रहे। जनपद वासियों से परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी श्री ए0के0 पाल ने सभी आगंतुकों को धन्यवाद दिया और आग्रह किया कि प्रदर्शनी में अधिक से अधिक संख्या में पधारकर स्टाल धारकों से खरीदारी करें, तथा ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने में सहभागी बने।
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