इंजीनियरिंग के छात्रों ने अपने कालेज में निष्प्रयोज्यन पडे सामानो का प्रयोग कर एक वाईफाई गन तैयार किया
इंजीनियरिंग के छात्रों ने अपने कालेज में निष्प्रयोज्य पड़े सामानों का प्रयोग कर एक वाईफाई गन तैयार किया
सहजनवा गोरखपुर बांसगांव संदेश। इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा, गोरखपुर के इंजीनियरिंग के छात्रों ने अपने कॉलेज में निष्प्रयोज्य पड़े सामानों का प्रयोग कर एक वाई - फाई गन तैयार किया हैं|
संस्थान के यांत्रिकी विभाग के छात्र दिग्विजय यादव, कन्हैया यादव, कृष्णा साहनी और अनुराग श्रीवास्तव, ने मिलकर कॉलेज के इन्नोवेशन सेल में सेना के लिये इस यन्त्र को तैयार किया हैं| छात्रों द्वारा बनाये गये प्रोटोटाइप मॉडल मे वाई -फाई गन की मारक क्षमता तक़रीबन 100 मीटर है, जिसको और भी बढ़ाया जा सकता हैं | इस गन को सेना के जवान सुरक्षित स्थान से अपने कम्प्यूटर या मोबाइल से संचालित कर सकेंगे| वाई-फाई गन में लगा कैमरे को 360 डिग्री तक घुमा करके चारो तरफ दुश्मन पर नजर रखा जा सकता हैं| इस टेक्नोलॉजी की मदद से बर्फीले जगहों पर तैनात जवानों को दूर से दुश्मन पर नजर रखने में आसानी होगी l वाई -फाई गन के प्रोटोटाईप मॉडल में 2 इंच के दो मेटल के बैरल हैं जिनमें इलेक्ट्रॉनिक बुलेट लगाई जाती हैं बुलेट को गन में लोड करने के बाद हम जरुरत पड़ने पर वाई -फाई के ज़रिये गन को फायर का कमांड दें सकतें हैं l मानव रहित गन का प्रोटोटाईप बनाने में लगभग 20 दिनों का समय लगा हैं और लगभग 18000 हजार रुपये का खर्च आया हैं l मानव रहित वाई फाई गन को बनाने कार के साकार स्प्रिंग, 2 इंच की मेटल पाईप, वाई -फाई, कैमरा, 9 वोल्ट बैटरी, स्विच, इत्यादि उपकरणों का प्रयोग किया गया हैं| आईटीएम कॉलेज के निदेशक डॉ0 एन. के. सिंह ने बताया हमारे छात्रों ने नवाचार के तहत देश के जवानों की सुरक्षा के लिये एक अच्छा और सराहनीय प्रयास किया हैं, छात्रों को उचित सहायता एवं मार्गदर्शन हेतु कॉलेज प्रशासन की तरफ से गृह मंत्री जी को पत्र लिखा गया हैं l इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल, सहित संस्थान के सभी शिक्षकों ने छात्रों को बधाई एवं शुभकामनायें दिये |
संस्थान के यांत्रिकी विभाग के छात्र दिग्विजय यादव, कन्हैया यादव, कृष्णा साहनी और अनुराग श्रीवास्तव, ने मिलकर कॉलेज के इन्नोवेशन सेल में सेना के लिये इस यन्त्र को तैयार किया हैं| छात्रों द्वारा बनाये गये प्रोटोटाइप मॉडल मे वाई -फाई गन की मारक क्षमता तक़रीबन 100 मीटर है, जिसको और भी बढ़ाया जा सकता हैं | इस गन को सेना के जवान सुरक्षित स्थान से अपने कम्प्यूटर या मोबाइल से संचालित कर सकेंगे| वाई-फाई गन में लगा कैमरे को 360 डिग्री तक घुमा करके चारो तरफ दुश्मन पर नजर रखा जा सकता हैं| इस टेक्नोलॉजी की मदद से बर्फीले जगहों पर तैनात जवानों को दूर से दुश्मन पर नजर रखने में आसानी होगी l वाई -फाई गन के प्रोटोटाईप मॉडल में 2 इंच के दो मेटल के बैरल हैं जिनमें इलेक्ट्रॉनिक बुलेट लगाई जाती हैं बुलेट को गन में लोड करने के बाद हम जरुरत पड़ने पर वाई -फाई के ज़रिये गन को फायर का कमांड दें सकतें हैं l मानव रहित गन का प्रोटोटाईप बनाने में लगभग 20 दिनों का समय लगा हैं और लगभग 18000 हजार रुपये का खर्च आया हैं l मानव रहित वाई फाई गन को बनाने कार के साकार स्प्रिंग, 2 इंच की मेटल पाईप, वाई -फाई, कैमरा, 9 वोल्ट बैटरी, स्विच, इत्यादि उपकरणों का प्रयोग किया गया हैं| आईटीएम कॉलेज के निदेशक डॉ0 एन. के. सिंह ने बताया हमारे छात्रों ने नवाचार के तहत देश के जवानों की सुरक्षा के लिये एक अच्छा और सराहनीय प्रयास किया हैं, छात्रों को उचित सहायता एवं मार्गदर्शन हेतु कॉलेज प्रशासन की तरफ से गृह मंत्री जी को पत्र लिखा गया हैं l इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल, सहित संस्थान के सभी शिक्षकों ने छात्रों को बधाई एवं शुभकामनायें दिये |
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