मजदूरी के लिए दर-दर भटक रही समूह की महिला
*मजदूरी के लिए दर दर भटक रही समूह की महिला*
*मुख्यमंत्री को पत्रक दे कर पारिश्रमिक के लिए लगाई गुहार*
बांसगांव संदेश पिपरौली
सरकार राष्ट्रीय आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत जहा एक तरफ समूह के माध्यम से महिलाओ को रोजगार देकर उनके सशक्तिकरण का दावा करती है।
वही गोरखपुर में सरकार की यह योजना धरातल पर इसके विपरीत ही दिखाई दे रही है।विकास खंड पिपरौली के स्वंय सहायता समूह की महिला ने मुख्यमंत्री को पत्रक देकर पारिश्रमिक के लिए गुहार लगाई है। वही मुख्यमंत्री का जिला होने के बाद भी अधिकारी समूह कि महिला के कार्य को नजरअंदाज कर उनके पारिश्रमिक दिलाने के प्रति गंभीर नही है। जिससे महिला दर दर भटकने को मजबूर है। ब्लाक के बांसपार निवासी लकी पान्डेय राष्ट्रीय आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत कान्हा प्रेरणा स्वंय सहायता समूह चलाती है। समूह की सदस्य सूखा राशन गेंहू, चावल,चना दाल पैकिंग का कार्य व भौवापार हाट गोदाम से चना दाल, रिफाइन, घी, दूध का उठान कर समूह के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्रो तक पहुंचाने का काम करती थी। नवम्बर 20 से अगस्त 21 तक नौ माह समूह ने लगातार कार्य किया। लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी अधिकारियो की लचर व तानाशाही रवैये से समूह की महिलाओ को मजदूरी व चना दाल कि कीमत आज तक नही मिला। समूह कि महिला जिले से लेकर लखनऊ तक अधिकारियो का चक्कर लगाती रही। अधिकारी आश्वासन की घुटी पिलाते रहे। पारिश्रमिक न मिलने से समूह की महिला आर्थिक तंगी के साथ भुखमरी के कगार पर आ गई है। थक-हार कर उन्होंने मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र देकर मजदूरी की मांग की है।
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