इंग्लैंड में बने हाफिज ए-क़ुरआन, गोरखपुर में हुई दस्तारबंदी
इंग्लैंड में बने हाफिज ए-क़ुरआन, गोरखपुर में हुई दस्तारबंदी
गोरखपुर। जाहिदाबाद गोरखनाथ के रहने वाले हाफिज वाजिद अली शामी व रक्शीदा मरियम के बारह वर्षीय पुत्र हसनैन अली ने इंग्लैंड के काउंटी में रहकर पूरा कुरआन-ए-पाक याद कर लिया है। जिनकी दस्तारबंदी (पगड़ी पहनाने की रस्म) शुक्रवार को जुमा की नमाज के बाद जाहिदाबाद जामा मस्जिद में उलमा-ए-किराम की मौजूदगी में हुई। सभी ने हसनैन को गले लगाकर मुबारक पेश की।
बताते चलें कि हसनैन अपने माता-पिता के साथ इंग्लैंड में रहते है जबकि ददीहाल व ननिहाल गोरखपुर में है। इन्होंने अपने पिता की देखरेख में पूरा क़ुरआन-ए-पाक याद किया। वहीं हसनैन आठवीं की पढ़ाई भी कर रहे है। इनके पति धर्मगुरु हैं और करीब चौदह सालों से इंग्लैंड में धार्मिक शिक्षा दे रहे है। हसनैन परिवार के साथ कुछ दिनों बाद वापस इंग्लैंड लौट जायेंगे।
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