साधन नहीं साधना महत्वपूर्ण होती है साध्वी इंदु
साधन नही साधना महत्वपूर्ण होती है-साध्वी इंदू
सहजनवा गोरखपुर बांसगांव संदेश ।इस कलयुग में राम नाम स्मरण मात्र से ही मानव मोह माया के इस सांसारिक बंधन से मुक्त होकर परमात्मा में विलीन होकर अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है।
यह बातें अयोध्या धाम से पधारी साध्वी इंदू ने कही।
वह पिपरौली ब्लॉक के ग्रामसभा खानिमपुर में चल रहे नौ दिवसीय रुद्र महायज्ञ के अवसर पर उपस्थित लोगों को कथा का रसपान कराते हुए कहीं। आगे साध्वी ने कहा कि मानव जीवन पर्यन्त अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए मेहनत करता है तब भी संतुष्ट नहीं हो पाता है लेकिन अगर मानव इसमें से थोड़ा समय भी राम के स्मरण में लगा दे तो भवसागर से पार हो जाएगा। राम नाम कोई शब्द नहीं है। इस नाम को उल्टा सीधा किसी भी तरह से लिया जा सकता है। आगे पांडाल में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं साध्वी ने कहा कि साधन महत्वपूर्ण नही होता है। साधना महत्त्वपूर्ण होती है। साधक और साधना से व्यक्ति सभी साधन को प्राप्त कर सकता है। इसलिए आप अपने पाल्यो को अच्छा और चरित्रवान नागरिक बनाने का प्रयास कीजिए।राम एक युगपुरुष थे। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखित उनकी जीवन रामचरितमानस में एक परिवार के सभी मापदंडों को दिखाया गया है।राम्मचरितमांस में एक पिता, एक भाई, एक पत्नी सहित सभी रिश्ता को लिखा गया है। अगर विश्व में रामराज्य लाना है तो रामचरितमानस में उल्लिखित परिवार के सभी आदर्शों को पूरा करना होगा। संतान को अच्छा बनाने में आप माताओं का ही सबसे बड़ा योगदान होता है। कथा में दौरान ठाकुर प्रसाद शर्मा, दिग्विजय सिंह, अवधेश कुमार मिश्र, रामसेवक, सूर्य प्रताप सिंह, धीरेंद्र सिंह, नन्हें सिंह, श्याम मोहन शर्मा, कन्हैया शर्मा, अभिषेक सिंह, शिवेंद्र सिंह, शत्रुधन सिंह सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।
वह पिपरौली ब्लॉक के ग्रामसभा खानिमपुर में चल रहे नौ दिवसीय रुद्र महायज्ञ के अवसर पर उपस्थित लोगों को कथा का रसपान कराते हुए कहीं। आगे साध्वी ने कहा कि मानव जीवन पर्यन्त अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए मेहनत करता है तब भी संतुष्ट नहीं हो पाता है लेकिन अगर मानव इसमें से थोड़ा समय भी राम के स्मरण में लगा दे तो भवसागर से पार हो जाएगा। राम नाम कोई शब्द नहीं है। इस नाम को उल्टा सीधा किसी भी तरह से लिया जा सकता है। आगे पांडाल में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं साध्वी ने कहा कि साधन महत्वपूर्ण नही होता है। साधना महत्त्वपूर्ण होती है। साधक और साधना से व्यक्ति सभी साधन को प्राप्त कर सकता है। इसलिए आप अपने पाल्यो को अच्छा और चरित्रवान नागरिक बनाने का प्रयास कीजिए।राम एक युगपुरुष थे। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखित उनकी जीवन रामचरितमानस में एक परिवार के सभी मापदंडों को दिखाया गया है।राम्मचरितमांस में एक पिता, एक भाई, एक पत्नी सहित सभी रिश्ता को लिखा गया है। अगर विश्व में रामराज्य लाना है तो रामचरितमानस में उल्लिखित परिवार के सभी आदर्शों को पूरा करना होगा। संतान को अच्छा बनाने में आप माताओं का ही सबसे बड़ा योगदान होता है। कथा में दौरान ठाकुर प्रसाद शर्मा, दिग्विजय सिंह, अवधेश कुमार मिश्र, रामसेवक, सूर्य प्रताप सिंह, धीरेंद्र सिंह, नन्हें सिंह, श्याम मोहन शर्मा, कन्हैया शर्मा, अभिषेक सिंह, शिवेंद्र सिंह, शत्रुधन सिंह सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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