बिना चुनाव के हो गई अंजुमन इस्लामियां की नई कमेटी गठित
*बिना चुनाव के हो गई अंजुमन इस्लामियां की नई कमेटी गठित*
*एक ही परिवार से जुड़े अधिकांश सदस्यों को कमेटी में किया गया शामिल*
गोरखपुर ।वक़्फ़ में लूट की दास्तान काफी पुरानी है। इमामबाड़ा स्टेट के बाद अंजुमन इस्लामिया दूसरा बड़ा वक़्फ़ है जिसके अंतर्गत दर्जनों वक़्फ़ शामिल हैं। अंजुमन की सम्पत्तियों का अंदाज़ लगाना मुश्किल है क्योंकि उसका कहीं कोई हिसाब किताब नही है।
बात अंजुमन इस्लामिया की करें तो पूर्व में मैनेजमेंट ने इसके दरवाज़े का भी सौदा कर दिया था और छोटी छोटी दुकानों के एवज में लाखों का वारा न्यारा कर लिया गया। अंजुमन इस्लामिया की कमेटी के पास दर्जनों दुकाने व मकान हैं जिनसे सालाना लाखों की कमाई होती है लेकिन उस आमदनी का कहीं कोई हिसाब नही है।
वक़्फ़ सम्पत्तियों को लेकर समय समय पर ऐसी तमाम शिकायत हुई लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
वक़्फ़ के लुटेरे वक़्फ़ सम्पत्तियों की लूट को और आसान बनाने के लिए अपराधी और माफियाओं से भी सांठगांठ करने में हिचक नहीं रहे हैं। क्योंकि जब अपराधी और माफिया किस्म के लोग किसी संपत्ति पर अपना अधिकार और प्रभाव दिखाते हैं तो कोई भी स्थानीय नागरिक उनके सामने सिर्फ इसलिए विरोध की हिम्मत नहीं जुटा पाता कि कहीं यह माफिया किस्म के लोग उन्हें व उनके परिवार को कोई नुकसान न पहुंचा दें।
बहरहाल ताज़ा मामला अंजुमन इस्लामियां की नई कार्यकारणी के चुनाव का है जिसमें कई सदस्यों को खबर भी नही हुई और सहायक रजिस्ट्रार चिट्स एवं सोसाइटी कार्यालय की मिली भगत से चुनाव भी सम्पन्न हो गया।
अंजुमन इस्लामिया कमेटी से जुड़े एक अहम सदस्य का आरोप है कि बिना साधारण सभा की बैठक हुए ही नई कमेटी का गठन कर लिया गया और कमेटी में एक ही परिवार से जुड़े कई सदस्यों को भी शामिल कर लिया गया है।
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